ED का एक्शन! कोलकाता में अवैध कॉल सेंटर रैकेट का भंडाफोड़, 2.35 करोड़ की संपत्ति जब्त
कोलकाता में साइबर स्कैमर्स फर्जी कॉल सेंटर के जरिये जर्मन और यूके के नागरिकों से धोखाधड़ी कर रहे थे. आरोपी खुद को मशहूर सॉफ्टवेयर कंपनियों का टेक्निकल सपोर्ट एजेंट बताकर लोगों को ठगते थे.
ED Raids In Kolkata: कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध कॉल सेंटर मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई करते हुए शुक्रवार (31 जनवरी, 2025) को टीपू सुल्तान और अन्य के खिलाफ छापेमारी की. इस दौरान 28 लाख रुपये कैश, 1.79 करोड़ रुपये की ज्वेलरी और कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए.
ईडी ने यह जांच विधाननगर, कोलकाता में दर्ज एक FIR के आधार पर शुरू की. जांच में सामने आया कि टीपू सुल्तान, मोहम्मद तसफिन, सोमनाथ दास, राजेश गोयनका और उनके सहयोगी मिलकर एक अवैध कॉल सेंटर चला रहे थे. यह कॉल सेंटर M/s VRM Business Service Private Limited (VBSPL) के नाम से साल्ट टेक पार्क, सेक्टर-5, साल्ट लेक, कोलकाता में चल रहा था.
कैसे करते थे ठगी?
यह गिरोह इंटरनेट कॉल (VOIP) के जरिए जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशों के लोगों को कॉल करता था. आरोपी खुद को मशहूर सॉफ्टवेयर कंपनियों का टेक्निकल सपोर्ट एजेंट बताकर लोगों को ठगते थे. "टीम व्यूअर" जैसे सॉफ्टवेयर के जरिए पीड़ितों के कंप्यूटर को एक्सेस कर ब्लैकमेल किया जाता था. शेल कंपनियों के जरिए पैसे अलग-अलग खातों में डालकर ट्रांसफर किए जाते थे.
माममे में ED की जांच जारी
ईडी अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह ठगी कितने देशों और लोगों तक फैली हुई थी. ईडी ने बताया कि आगे और गिरफ्तारियां संभव हैं. इस मामले में अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध से जुड़े कई और खुलासे हो सकते हैं.
बता दें कि कोलकाता के न्यू टाउन इलाके में 28 जनवरी 2025 को पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए 18 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं.आरोपी माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारी बनकर अमेरिकी नागरिकों को तकनीकी सहायता देने का झांसा देते थे. छापेमारी के दौरान 32 लैपटॉप, 41 मोबाइल फोन और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुआ था.
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