पूर्व DMK नेता जाफर सादिक पर ED का बड़ा एक्शन! लग्जरी बंग्ला, होटल और महंगी कारें की सीज
ED Attaches Assets On Jaffer Sadiq: ईडी ने आरोप लगाया कि सादिक अपने भाई सलीम और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत करके स्यूडोएफेड्राइन और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल था.
ED Attaches Assets On Jaffer Sadiq: मनी लॉड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार, 5 सितंबर को डीएमके से निष्कासित नेता और फिल्म निर्माता जाफर सादिक और उसके कुछ मददगारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में जांच के तहत चेन्नई स्थित जाफर सादिक समेत कुछ सहयोगियों की 55 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है.
द सियासत डेली की रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने एक बयान में कहा कि जांच एजेंसी ने 2 सितंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 14 संपत्तियों को कुर्क करने के लिए एक अनंतिम आदेश जारी किया था, जिसमें जेएसएम रेजीडेंसी होटल, एक शानदार बंगला और जगुआर और मर्सिडीज जैसी 7 महंगी गाड़ियां शामिल हैं. इन संपत्तियों का कुल कीमत 55.3 करोड़ रुपए आंकी गई है. प्रवर्तन निदेशालय का दावा किया गया कि ये संपत्तियां आरोपियों ने“आपराधिक” गतिविधियों के जरिए अर्जित की थीं.
जानें कौन हैं पूर्व DMK सदस्य जाफर सादिक?
36 वर्षीय जाफर सादिक को एजेंसी ने जून में गिरफ्तार किया था, जबकि उसके भाई मोहम्मद सलीम को अगस्त में हिरासत में लिया गया था. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके ने पार्टी की एनआरआई ब्रांच के चेन्नई पश्चिम उप-संगठक और तमिल फिल्म निर्माता सादिक को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, जब फरवरी-मार्च में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा उनका नाम और ड्रग्स नेटवर्क से कथित संबंधों का जिक्र किया गया था.
ED का आरोप- ड्रग तस्करी में शामिल था जाफर सादिक
मनी लॉड्रिंग का ये मामला एनसीबी और सीमा शुल्क विभाग की ओर से सादिक और उसके कथित सहयोगियों के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत से कार्रवाई हुई है. ईडी ने आरोप लगाया कि सादिक अपने भाई सलीम और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत करके स्यूडोएफेड्राइन और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल था.
जानिए ED ने क्या आरोप लगाए?
ईडी ने आरोप लगाया कि सादिक और उसके सहयोगियों ने अपने ड्रग कारोबार से मिली आय को रियल एस्टेट, फिल्म निर्माण, आतिथ्य और लॉजिस्टिक्स जैसे कई वैध उपक्रमों में निवेश करके लूटा. अपराध की आय को बैंक खातों के एक नेटवर्क के जरिए इन निवेशों में लगाया गया, जिनमें सादिक और उसके परिवार के सदस्यों के खाते भी शामिल थे.
ईडी की जांच में पाया गया कि मनी लॉड्रिंग के धन का इस्तेमाल सादिक, उसकी पत्नी अमीना बानू, मैदीन गनी नाम के व्यक्ति और मोहम्मद मुस्तफा एस और जमाल मोहम्मद जैसे "बेनामी" लोगों सहित कुछ अन्य लोगों के नाम पर चल और अचल संपत्तियां हासिल करने के लिए किया गया था.