प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र स्टेट कॉपरेटिव बैंक घोटाले मामले में एक चीनी मिल (शुगर मिल) को सीज किया है. ईडी ने शुगर मील मालिक का नाम नही बताया पर सूत्रों के मुताबिक यह शुगर मिल राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के करीबी का बताया जा रहा है. 


क्या है पूरा मामला ?


दरअसल, साल 2019 में मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले में अजीत पवार और 70 अन्य के खिलाफ साल 2019 में एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. पुलिस ने 23 सितंबर 2019 को 5,000 करोड़ रुपये के घोटाले में शरद पवार और अजीत पवार को नामजद किया था. मुम्बई पुलिस ने सबूतों के अभाव में केस बंद कर दिया था.


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों रुपये के महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले में मुंबई पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट का विरोध किया जिसमें सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख नेताओं का नाम लिया गया है. ईडी ने मुंबई पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी मांगी थी और पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को भी चुनौती दी थी. तब से ED इस मामले की जांच कर रही है.


यह घोटाला कथित तौर पर लगभग 5,000 करोड़ रुपये की अनियमितताओं से संबंधित है. साल 2019 में, एजेंसियों ने कथित अनियमितताओं के संबंध में कई लोगों के बयान दर्ज किए थे. हालांकि, कोई प्रगति नहीं हुई क्योंकि मुंबई पुलिस को कथित तौर पर इस मामले में कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं मिला.


आज प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र स्टेट कॉपरेटिव बैंक घोटाले मामले में एक चीनी मिल (शुगर मिल) को सीज किया है. ED ने शुगर मील मालिक का नाम नही बताया पर सूत्रों के मुताबिक यह शुगर मिल अजित पवार के करीबी का बताया जा रहा है. अजित पवार को फिर से ED की रडार पर ला दिया है.


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