नई दिल्ली: बलात्कारी राम रहीम को सजा मिले एक साल हो रहा है, पंचकुला में उसके समर्थकों की हिंसा को भी एक साल पूरा हो रहा है. इस मामले में एक साल बाद राम रहीम केस में जांच एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है. राम रहीम की राजदार हनीप्रीत की डायरी के राज खुलने लगे हैं. हनीप्रीत की डायरी जब पिछले साल सामने आई थी तो पुलिस के होश उड़ गए थे क्योंकि उसमें कोड ही कोड थे. लेकिन हनीप्रीत की डायरी के कोड अब डिकोड हो गए हैं.


डायरी में किन कोड का किया गया इस्तेमाल?
जांच एजेंसियों को हनीप्रीत के पास जो डारयी मिली है उसमें वायानाड केरला लैंड, मशीन वेट कम करने वाली, हिमाचल की लैंड न्यू, दार्जिलिंग लैंड, न्यू लैंड औरेंज कांउटी की दूसरी तरफ, मनी ट्रासंफर रिजॉर्ट टुडे, हिमाचल की लैंड रिजॉर्ट के नाम करना, टीम्स फॉर वी 7 इन 12, 25 दे दो गर्ग को और संजू लैंड गुड़गांव जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया है.


कोड वर्ड सुलझे तो हुआ बड़ा खुलासा
बाबा की राजदार हनीप्रीत अभी भी जेल में है लेकिन उसके कोड डिकोड हो गए हैं. जांच एजेंसी ने इनका राज जान लिया है. आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक जब इन कोड को सुलझाया गया तो एक बड़ा खुलासा हुआ, जिससे पता चला कि हनीप्रीत की डायरी में लगभग बीस करोड़ रुपये की संपत्ति और लेनदेन की बाते लिखी हुई है. आयकर विभाग ने जब हनीप्रीत से इस बारे मे जानना चाहा तो कोई जवाब नही आया.


प्लान बी पर कान कर रही एजेंसियां
कोड वर्ड डिकोड होने के बाद जांच एजेंसियों को समझ आ गया है कि करोड़ों का हेरफेर हुआ है. सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों ने हनीप्रीत के प्रतिनिधि से भी इस बारे में पूछताछ की है. इसके साथ ही हनीप्रीत का आयकर रिटर्न देखने वालों से भी जवाब मांग गया लेकिन दोनों तरफ से एजेंसियों को कोई ठोस जवाब नहीं मिला, इसलिए अब एजेंसियां प्लान बी पर काम कर रही हैं.


जवाब नहीं दे पाई तो हनीप्रीत की मानी जाएगी संपत्ति
आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक विभाग इस मामले में जेल में बंद हनीप्रीत से पूछताछ की तैयारी कर रहा है. यदि हनीप्रीत इस बारे में विभाग को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाती तो ये सारी रकम उसकी इनकम मान ली जायेगी और इस हालत में आयकर विभाग हनीप्रीत पर सौ से तीन सौ प्रतिशत का जुर्माना भी लगा सकता है.


करोड़ों की काली कमाई का राज खुलना बाकी
हनीप्रीत के इन कोड वर्ड से अभी सिर्फ 20-25 करोड़ की काली कमाई का पता लगने की संभावना है, जबकि काली कमाई का साम्राज्य कहीं ज्यादा बड़ा है. दरअसल रामरहीम और हनीप्रीत ने करोड़ों रुपए अपनी अय्याशी में लुटाए. बाबा अपनी ताकत और संबंधों से डेरे का विस्तार करता रहा और इनका हिसाब किताब रखने का काम हनीप्रीत को दिया गया था.