Delhi High Court: केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने सोमवार (2 दिसंबर) को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है जहां उसने आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की रिहाई के आदेश के खिलाफ अपील की. दिल्ली की निचली अदालत ने अमानतुल्लाह खान को कथित रूप से धन शोधन मामले में रिहा करने का आदेश दिया था. इस मामले में अमानतुल्लाह खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड में अध्यक्ष रहते हुए कथित अनियमितताओं के आरोप हैं.


दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने मामले की सुनवाई करते हुए जांच एजेंसी से निचली अदालत के आदेशों को रिकॉर्ड पर रखने के लिए कहा. इसके अलावा मामले की अगली सुनवाई जनवरी में निर्धारित की गई है. अदालत ने मामले के तथ्यों और आरोपों पर और गहन विचार करने की बात की है.


अमानतुल्लाह खान पर लगे गंभीर आरोप


ED के अनुसार अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रहते हुए कर्मचारियों की अवैध भर्ती के लिए भारी मात्रा में धन अर्जित किया और उसे अपनी संपत्तियों में निवेश किया. एजेंसी का आरोप है कि इस धन को उन्होंने अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्तियां खरीदने में इस्तेमाल किया. इस मामले की जांच तब शुरू हुई जब ED ने सितंबर में अमानतुल्लाह खान के घर पर छापेमारी की थी और उन्हें गिरफ्तार किया था.


मामले पर निचली अदालत ने लिया अहम फैसला 


निचली अदालत ने इस मामले में ED की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इंकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि मामले में अमानतुल्लाह खान के खिलाफ कोई सरकारी मंजूरी या सक्षम अधिकारी से मंजूरी नहीं दी गई है जो कि PMLA के तहत आवश्यक थी. इसके बाद ED ने इस फैसले को चुनौती दी है और दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर की है.


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