निवेशकों को सैकड़ों करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिग एक्ट के तहत टीएमसी के पूर्व राज्यसभा सांसद और व्यवसायी केडी सिंह को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. केडी सिंह को ईडी ने विशेष अदालत मे पेश किया जहां से पूछताछ के लिए उन्हे 16 जनवरी तक ईडी रिमांड पर भेज दिया. टीएमसी के पूर्व सांसद केडी सिंह ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.


उधर केडी सिंह से हुई पूछताछ टीएमसी और ममता सरकार दोनों के गले का फंदा भी बन सकती है क्योंकि केडी सिंह किसी समय में टीएमसी आलाकमान के बेहद करीबी लोगों में बताए जाते थे. केडी सिंह की गिरफ्तारी को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पश्चिम बंगाल चुनाव होने के समय नजदीक आ गया है और केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार एक दूसरे के आमने-सामने खड़े हैं.


अलकेमिस्ट ग्रुप ऑफ कंपनी के संस्थापक और टीएमसी से पूर्व राज्यसभा सांसद केडी सिंह को ईडी ने गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की विशेष ईडी अदालत के सामने पेश किया. ईडी ने कोर्ट को बताया कि सेबी की शिकायत के आधार पर अलकेमिस्ट ग्रुप के खिलाफ मनी लांड्रिग एक्ट के तहत मामला दर्ज है और उन पर निवेशकों से करोडो रुपये लेकर वापस ना करने के आरोप है. केडी सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन वो ईडी के साथ सहयोग नही कर रहे है लिहाजा उन्हे पूछताछ के लिए रिमांड पर दिया जाए.


जांच के दौरान ईडी को पता चला कि अलकेमिस्ट ने निवेशको से जो पैसा लिया वो एक सोची समझी साजिश के तहत अपनी दूसरी कंपनियो में ट्रांसफर कर दिया. ईडी का दावा है कि जिन कंपनियो मे पैसा ट्रांसफर किया गया उनमें से अनेक कंपनियां कागजी थी. जांच मे यह भी पता चला कि योजनाबद्ध तरीके से एकत्र किए गए पैसे से हरियाणा शिमला के अनेक शहरो मे संपतिया खरीदी गई ईडी ने अलकेमिस्ट ग्रुप की 239 करोड रुपये की संपत्ति भी जब्त की है.


कोर्ट में केडी सिंह के वकील ने दावा किया कि जिन दो कंपनियो में केडी सिंह को बताया जा रहा है उसमें केडी सिंह शामिल ही नही है और ईडी को सहयोग ना किए जाने के दावे निराधार है. सिंह के वकील ने कहा कि वो रिमांड एप्लीकेशन के जवाब ने डिटेल मे जानकारी देगे इस पर जज ने कहा कि जब तक वो अपनी डिटेल जानकारी देगे तब तक के लिए केडी को ईडी हिरासत मे जाने पर कोई एतराज तो नही है.


वकील ने ना कहने पर जज ने केडी सिंह को 16 जनवरी तक के लिए ईडी रिमांड पर भेज दिया. इसके पहले ईडी ने अलकेमिस्ट ग्रुप पर छापेमारी भी की थी और केडी सिंह से अनेको बार पूछताछ भी की थी। ईडी सूत्रो के मुताबिक रिमांड के दौरान यह पता लगाने की कोशिश की जायेगी कि केडी सिंह की कंपनियों ने निवेशको की रकम का क्या क्या इस्तेमाल किया? क्या उनकी कोई संपत्ति विदेशो में भी है? क्योंकि इसके पहले ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड मे कंपनी खोले जाने को लेकर भी एफआईयू की एक रिपोर्ट के आधार पर जांच शुरू की गई थी. दिलचस्प यह भी है कि यह पूछताछ टीएमसी के गले का भी फंदा बन सकती है.