Money Laundering Case: बैंकों से 198 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कथित आरोपी और यूनिटेक कंपनी के पूर्व चेयरमैन संजय चंद्रा के पिता रमेश चंद्रा, संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा और एक रियल स्टेट कंपनी के प्रमोटर को प्रवर्तन निदेशालय ने आज शाम मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया. इन सभी को मंगलवार को ईडी की विशेष अदालत के सामने पेश किया जाएगा.


ईडी सूत्रों के मुताबिक संजय चंद्रा और उसके भाई अजय चंद्रा द्वारा किए गए घोटालों की जांच प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कर रहा है. इस मामले में आरोप है कि धोखाधड़ी के चलते बैंकों से जो पैसा लिया गया उसको मनी लॉन्ड्रिंग के तहत एक जगह से दूसरी जगह पर भेजा गया. ध्यान रहे कि ईडी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए हाल ही में नोएडा में इनसे जुड़ी दो जायदादे भी जब्त की थी, जिनकी कीमत 32 करोड़ रुपये बताई गई थी. इस मामले में आरोप है कि संजय चंद्रा और उनके सहयोगियों ने जिस पैसे का गबन किया उसे रियल स्टेट में भी लगाया था.


ईडी सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच के दौरान पाया गया कि इस पूरे प्रकरण में संजय चंद्रा के पिता और पत्नी समेत एक रियल स्टेट प्रमोटर की भी भूमिका है. मामले की जांच के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर इन तीनों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. ईडी सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान जब इन तीनों ने अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दिए और जानकारी छुपानी चाही तो इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. ईडी इन सभी लोगों को मंगलवार को विशेष अदालत के सामने पेश करेगी जहां से इन्हें पूछताछ के लिए रिमांड पर भी लिया जा सकता है.


ध्यान रहे कि संजय चंद्रा और उसका भाई अजय चंद्रा इस समय मुंबई की अलग-अलग जेलों में बंद है. इसके पहले यह दोनों भाई दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे, जहां आरोप लगा था कि जेल अधिकारियों की मिलीभगत से यह लोग अपनी संपत्तियों को बेच रहे हैं. कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन को फटकार लगाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की थी. साथ ही इन दोनों भाइयों को दिल्ली से मुंबई की जेल में ट्रांसफर कर दिया था. इसके साथ ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी आदेश दिया था कि वह व्यक्तिगत तौर पर इस पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करें. मामले की जांच जारी है.



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