Money Laundering in Mumbai: मनी लांड्रिंग मामले में ED ने उठाया बड़ा कदम, मुंबई की कंस्ट्रक्शन कंपनी का पूर्व निदेशक गिरफ्तार
Money Laundering in Mumbai: मनी लांड्रिंग मामले में ED ने मुंबई की गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पूर्व निदेशक प्रवीण एम राऊत को गिरफ्तार किया है.
Money Laundering in Mumbai: प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत आज मुंबई की गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पूर्व निदेशक प्रवीण एम राऊत को गिरफ्तार कर लिया है. प्रवीण और उसके सहयोगियों पर 1000 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. गिरफ्तार राउत को आज मुंबई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया जहां से उसे पूछताछ के लिए 8 दिन की ईडी हिरासत में भेजा गया है.
ईडी के आला अधिकारी के मुताबिक यह मुकदमा प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज किए गए विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमे के आधार पर दर्ज किया था. आरोप के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पात्राचाल गोरेगांव मुंबई के पुनर्विकास में शामिल था. पात्रा चाल के पास महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा)की 47 एकड़ जमीन पर 672 किराएदार थे. इस कंपनी ने पात्रा चाल के पुनर्विकास के लिए किरायेदारों और म्हाडा के साथ मिलकर एक त्रिपक्षीय समझौता किया था जिसके तहत इसका विकास किया जाना था.
आरोप है कि प्रवीन राउत ने दूसरे आरोपियों राकेश कुमार वधावन और सारंग वधावन और अन्य लोगों के साथ मिलकर अवैध रूप से इस जमीन को विभिन्न बिल्डरों और अन्य लोगों को 1034 करोड रुपए में बेचा. आरोप है कि तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर साथ ही 672 किरायेदारों और खरीदारों के हित को दरकिनार कर प्रवीन राउत ने अन्य लोगों के साथ आपराधिक साजिश रची और लगभग 1000 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई को एक जगह से दूसरी जगह भेजने में कामयाब रहे.
आरोप के मुताबिक प्रवीन राउत ने बिल्डरों से लिए गए पैसों के अलावा बैंक से ऋण भी प्राप्त किया था. यह भी पता चला है कि 2010 के दौरान राउत ने अपने बैंक खाते में इक्विटी की बिक्री और भूमि सौदे की आड़ में ₹95करोड़ प्राप्त किए थे आरोप के मुताबिक जबकि कंपनी इस परियोजना को पूरा करने में सक्षम भी नहीं थी. प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक अधिकारियों ने 1 फरवरी 2022 को प्रवीन राउत के परिसरों की तलाशी ली और उसका बयान मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया गया. इस छापेमारी और जांच के दौरान राउत को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल पाया गया.
आरोप है कि जब उससे मनी ट्रेल का पता लगाने की कोशिश की गई तो उसने ईडी अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की और सवालों के सही जवाब नहीं दिए. इसके चलते ईडी अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया गिरफ्तार राउत को ईडी की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया जहां से उसे पूछताछ के लिए 8 दिन की हिरासत में भेजा गया है मामले की जांच जारी है.