नई दिल्लीः तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर वीडियोकॉन ग्रुप को हजारों करोड़ रुपये का लोन देने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आज आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर उनके पति दीपक कोचर तथा उनकी कंपनियों से जुड़ी 78 करोड रुपए से ज्यादा की चल अचल संपत्ति अटैच कर ली.


इनमें चंदा कोचर उनके पति दीपक कोचर का एक फ्लैट, उनकी कंपनियों से जुड़े प्रोजेक्ट मशीनरी वैल्यू शामिल है. चंदा कोचर पर ईडी ने आईसीआईसीआई बैंक मामले में वीडियोकॉन ग्रुप को 1875 करोड़ रुपये का लोन देने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. इस मुकदमे की जांच के दौरान ईडी ने पाया कि वीडियोकॉन ग्रुप को जो लोन दिया गया उसमें से 300 करोड़ रुपए का एक लोन बैंक की तरफ से जारी किया गया था और जिस कमेटी ने यह लोन पास किया उसकी मुखिया चंदा कोचर थीं.


ईडी का दावा है कि इस रकम में से 64 करोड़ रुपये की रकम चंदा कोचर के पति दीपक कोचर से जुड़ी कंपनियों में ट्रांसफर की गई. यह भी आरोप है कि तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर वीडियोकॉन ग्रुप को और उससे जुड़ी कंपनियों को नए लोन दिए जाते रहे जबकि वीडियोकॉन ग्रुप का आरोप है कि पुराने लोन वापस ही नहीं करता था जिसके चलते साल 2017 में 1700 करोड़ से ज्यादा का लोन एनपीए हो गया.


जांच के बाद ईडी ने चंदा कोचर और दीपक कोचर के मुंबई स्थित फ्लैट तमिलनाडु और महाराष्ट्र में उनकी कंपनियों से जुड़े कुछ प्रोजेक्ट तथा ईडी छापे के दौरान बरामद हुए साढ़े दस लाख रुपये की रकम अटैच कर ली. ईडी का कहना है कि 78 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम की चल अचल संपत्ति अटैच की गई है. यह अटैचमेंट अभी आरंभिक तौर पर है और इसकी पुष्टि ईडी कोर्ट से होनी बाकी है. ईडी का कहना है कि इस मामले में जांच अभी जारी है.


वीडियोकॉन से जुड़े इस घोटाले के सामने आने के बाद आईसीआईसीआई बैंक की तत्कालीन एमडी चंदा कोचर की मुश्किलें बढ़ गई थी और इसके चलते उन्हें उनके पद से हटा दिया गया था. ईडी ने इस मामले में चंदा कोचर और दीपक कोचर से लगभग एक दर्जन से ज्यादा बार पूछताछ की है.