EMTA Company: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बहुचर्चित कोयला ब्लॉक आवंटन (Coal Block Allotment) मामले में ईएमटीए (EMTA) कोल लिमिटेड कंपनी और उसके निदेशकों की 26 करोड़ रुपए से ज्यादा की अचल संपत्ति (Real Estate) को अटैच किया है. इस मामले में ईडी पहले भी 136 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति अटैच (Attach) कर चुकी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 14 जुलाई 1993 से लेकर 31 मार्च 2011 तक के कोयला ब्लॉक आवंटनों को अवैध और मनमाना करार दिया था.
ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि बहुचर्चित कोल ब्लॉक आवंटन मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई की दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अपनी जांच शुरू की थी.
अवैध तरीके से माइनिंग
इस मामले में आरोप था कि साल 1995 और 1996 में पश्चिम बंगाल और उसकी पब्लिक अंडरटेकिंग कंपनियों को 6 कोल ब्लॉक आवंटित किए गए थे. इन कोल ब्लॉकों में तारा पूर्वी, तारा पश्चिम, गंगारामचक, बोरजोरे, भदूलिया और पचवारा उत्तर शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये सभी कोल ब्लॉक कैंसिल कर दिए गए थे. आरोप के मुताबिक इस कंपनी ने इन कोल ब्लॉकों से अवैध तरीके से माइनिंग की और बड़े पैमाने पर फायदा उठाया.
करोड़ों की संपत्ति को ईडी ने किया अटैच
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच में पाया कि इस कंपनी ने ज्वाइंट वेंचर कंपनी होने के नाते अवैध तरीके (Illegal) से माइनिंग (Mining) की थी. जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस कंपनी और उसके निदेशकों उज्ज्वल कुमार उपाध्याय, संगीता उपाध्याय, सुजीत कुमार उपाध्याय और उनके परिजनों के नाम पर मौजूद बैंक खातों (Bank Accounts), एफडी बैलेंस (FD Balance) और मुचल फंड (Mutual Funds) होल्डिंग्स में जमा 26 करोड़ 93 लाख रुपए की संपत्ति को अटैच (Attach) कर लिया है. ईडी के आला अधिकारी ने बताया कि इस मामले में इसके पहले भी फरवरी 2022 में 136 करोड़ रुपए की बुक वैल्यू संपत्ति को अटैच किया था मामले की जांच जारी है.
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