Alchemist Group Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अल्केमिस्ट ग्रुप और अन्य के मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के दौरान डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) के रूप में तृणमूल कांग्रेस के जमा कराए 10.29 करोड़ रुपये को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है. तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद केडी सिंह अल्केमिस्ट ग्रुप के फाउंडर हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ईडी की इस तरह की कार्रवाई से टीएमसी को बड़ा झटका लगा है. ईडी ने इस बाबत जानकारी सोमवार (11 मार्च) को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर भी शेयर की है.
कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में ईडी पहले ही तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय को भी तलब कर चुकी है. इसके अलावा मामले के संबंध में राज्य के ऊर्जा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अरूप विश्वास को भी तलब किया जा चुका है.
दरअसल, यह मामला 2016 का है जब एजेंसी ने अलकेमिस्ट ग्रुप की 239 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी को जब्त किया था. ग्रुप के फाउंडर केडी सिंह कथित तौर पर करीब 1,900 करोड़ रुपये के पोंजी घोटाले में शामिल रहे.
सुवेंदु अधिकारी ने ईडी कार्रवाई का किया स्वागत
पूर्व सांसद केडी सिंह को जनवरी 2021 में कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. एजेंसी ने 2019 में देश भर में कई जगहों पर सिंह के स्वामित्व वालों ठिकानों पर छापेमारी की थी. वहीं, बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ईडी के इस कदम का स्वागत किया है.
अधिकारी ने कहा कि मेरे विचार में इसको 'भ्रष्टाचार के हिमखंड की चोटी' भी नहीं कहा जा सकता. यह महज एक बर्फ का टुकड़ा है. यदि फंदा ठीक से कस गया तो राशि को कम से कम 10,000 से गुणा करना पड़ेगा.
आपको बता दे ईडी ने अल्केमिस्ट ग्रुप के विभिन्न व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत सीबीआई, लखनऊ, कोलकाता पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी.
अल्केमिस्ट ग्रुप ने नहीं लौटाया निवेशकों का पैसा
ईडी ने कहना है कि जांच से पता चला कि अल्केमिस्ट ग्रुप ने जनता/निवेशकों/पीड़ितों को बड़ी रकम रिटर्न करने और निवेश पर फ्लैट/विला/प्लॉट/उच्च ब्याज दर देने के झूठे वादे कर अपनी कंपनियों अल्केमिस्ट होल्डिंग्स लिमिटेड और अल्केमिस्ट टाउनशिप इंडिया लिमिटेड में निवेशकों/पीड़ितों से 1,800 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जुटाई थी. हालांकि, निवेशकों को उनका पैसा कभी नहीं लौटाया गया और फंड को अल्केमिस्ट ग्रुप की दूसरी कंपनियों में लगा दिया गया.
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