मणिपुर में उद्योगपतियों से उगाही कर वह पैसा आतंकवादी कामों में लगाने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने नागालैंड के आतंकवादी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN) के कोषाध्यक्ष और स्वयंभू कर्नल रायलूंग नसरंगबे, उसकी पत्नी रूथ चावांग समेत तीन लोगों की लगभग 7 करोड़ रुपए की चल संपत्ति अस्थाई तौर पर जब्त की है. इस चल संपत्ति में बैंक बैलेंस, म्यूच्यूअल फंड और बीमा राशि भी शामिल है.


ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह जांच ईडी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए द्वारा 9 जुलाई 2020 को दर्ज की गई एफआईआऱ और 29 दिसंबर 2020 को कोर्ट के समक्ष पेश किए गए आरोपपत्र के तहत शुरू की थी. इस जांच के तहत नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड आई एम के कोषाध्यक्ष और उनके सहयोगियों पर आरोप था कि वे लोग मणिपुर और नागालैंड में रंगदारी रैकेट को चला रहे थे और इसके तहत निर्माण कार्यों में लगी कंपनियों को डरा धमका कर अवैध वसूली कर रहे थे. यह भी आरोप है कि मणिपुर में जिस कंपनी ने सड़क निर्माण परियोजना शुरू की थी उनसे भी अवैध टैक्स के रूप में वसूली की जा रही थी.


यह भी आरोप है कि तमाम पैसे का उपयोग आपराधिक कृत्य और आतंकवादी कामों में किया जा रहा था. ईडी को जांच के दौरान पता चला कि मणिपुर के 4 जिलों के एनएससीएन आईएम के कमांडर सीधे कोषाध्यक्ष को रिपोर्ट कर रहे थे. यह जिले सेनापति, उखरुल, चंदेल और तामेंगलांग थे. आरोप के मुताबिक इन चारों जिले के प्रतिनिधि अपने द्वारा विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से की गई वसूली के विवरण सहित जबरन वसूली की गई रकम को रायलूंग को दे रहे थे क्योंकि वह सामूहिक नेतृत्व के कोषाध्यक्ष था.


आरोप के मुताबिक रायलुंग द्वारा भारी मात्रा में जबरन वसूली यानी अवैध टैक्स को अपनी पत्नी और अपने स्वयं के खातों में भी जमा कराया जा रहा था. साथ ही इस पैसे के जरिए कई म्यूच्यूअल फंड और बीमें भी खरीदे गए थे जो करोड़ों रुपए के थे. उगाही की यह रकम अप्पम मुइवा नाम के शख्स के खाते में भी जमा कराई जा रही थी . यह शख्स भी आतंकवादी संगठन से जुड़ा बताया गया है. ईडी ने जांच के बाद इस मामले में 6 करोड़ 88 लाख रुपए की चल संपत्ति जिसमें बैंक बैलेंस, बीमा और म्यूच्यूअल फंड आदि शामिल हैं, को आरंभिक तौर पर जप्त कर लिया है. मामले की जांच जारी है.


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