रिटायर्ड IAS रमेश अभिषेक के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, कई ठिकानों पर छापा, जानिए क्या है पूरा मामला
ED Raid News: ईडी से पहले सीबीआई ने इसी साल फरवरी में रिटायर्ड आईएएस रमेश अभिषेक के यहां छापा मारा था. तब सीबीआई ने आरोप लगाया था कि रिटायरमेंट के बाद इन्होंने गलत तरीके से कंपनियों से रुपये लिए हैं.
ED Raids At IAS Ramesh Abhishek: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिटायर्ड IAS अधिकारी रमेश अभिषेक के खिलाफ मंगलवार (21 मई 2024) को बड़ी कार्रवाई की. टीम ने रमेश अभिषेक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के तहत उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की. रमेश अभिषेक डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के पूर्व सचिव भी रह चुके हैं.
ईडी का यह मामला सीबीआई की ओर से हाल ही में दर्ज एक एफआईआर पर आधारित है. 1982 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी के घर पर सीबीआई ने फरवरी में छापेमारी की थी. वह डीपीआईआईटी से 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे. सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में ये कार्रवाई की थी. इसी केस के आधार पर ईडी भी इसमें शामिल हुई और मंगलवार को अभिषेक के कई ठिकानों पर छापा मारा.
क्या है रमेश अभिषेक पर आरोप?
सीबीआई ने जब फरवरी में रमेश अभिषेक के यहां छापा मारा था तब उसने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि अभिषेक ने रिटायरमेंट के बाद उन निजी कंपनियों से परामर्श शुल्क के रूप में ‘बड़ी रकम’ प्राप्त की और अपनी संपत्ति में काफी बढ़ोतरी कर ली. इनमें वे कंपनियां थीं, जिनके काम या मामले अभिषेक ने सेवा में रहते हुए निपटाए थे. यही नहीं, सीबीआई की कार्रवाई सिर्फ रमेश अभिषेक तक ही सीमित नहीं रही थी. टीम ने तब उनकी बेटी वानेसा के खिलाफ केस दर्ज किया था.
प्रोफेशनल चार्ज के रूप में लेते थे मोटी रकम
सीबीआई ने बताया था कि अभिषेक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और सीबीआई ने उनके खिलाफ लोकपाल के आरोपों के बाद मामला दर्ज किया था. लोकपाल ने आरोप लगाया था कि अभिषेक अपनी बेटी के साथ मिलकर अनेक कंपनियों और संस्थाओं से पेशेवर शुल्क के रूप में भारी भरकम रकम प्राप्त की है.
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