नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने सीपीआई माओवादी के कथित बड़े नक्सली नेता राम बाबू राम उर्फ राजन और उसके परिजनों की बिहार के पश्चिमी चंपारण स्थित 8 संपत्तियों को जब्त कर लिया है. इन संपत्तियों की कीमत 41 लाख रुपये बताई जाती है. आरोप है कि यह संपत्ति अपराध के पैसों से बनाई गई थी.


ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया की नक्सलवादी गतिविधियों में शामिल बड़े नक्सलियों के खिलाफ ईडी ने अनेकों एफआईआर की है. यह एफआईआर विभिन्न पुलिस थानों में उनके खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों के आधार पर की गई हैं. इनमें से अनेक लोगों के खिलाफ ईडी पहले भी संपत्ति जब्ती की कार्रवाई के साथ उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आरोप पत्र कोर्ट के सामने दाखिल कर चुकी है. ईडी के आला अधिकारी के मुताबिक आज राम बाबू राम उर्फ राजन उर्फ़ प्रहार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने उसके और उसके परिजनों की 8 अचल संपत्तियां जब्त कर ली.


इन संपत्तियों की कीमत 41 लाख रुपये के लगभग बताई जाती है. ईडी अधिकारी के मुताबिक जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है, उनमें रामबाबू राम की पत्नी सुनीता देवी, उसकी मां माया देवी, उसके भाई संजय राम के नाम पर ली गई अचल संपत्तियां शामिल हैं. यह सभी संपत्तियां पश्चिमी चंपारण में बताई गई हैं. इसके अलावा राम बाबू राम के ब्रदर इन लॉ राम स्वार्थ राम की पश्चिमी चंपारण के चकिया स्थित 6 जमीने जब्त की गई हैं.


ईडी के आला अधिकारी के मुताबिक राम बाबू राम के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में 28 एफआईआर दर्ज है, जिनके आधार पर ईडी ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी. ईडी अधिकारी के मुताबिक राम बाबू राम और उसके सहयोगियों के खिलाफ आरोपपत्र भी कोर्ट के सामने दाखिल किए गए हैं. अधिकारी ने बताया कि ऐसे मामलों की जांच में यह पाया गया है कि नक्सली नक्सलवाद के नाम पर लोगों को लूटते हैं. यानी समाज को ठीक करने का दावा करते हैं और दूसरी तरफ खुद अपने और अपने परिजनों के नाम इस लूटे गए पैसे से जमीन जायदाद बनाते हैं और ऐश भरी जिंदगी गुज़ारते हैं.


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