(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
डिफॉल्टर्स को वापस लाने में कोर्ट, ईडी दिख रही है नाकाम, कैसे आएगा देश का पैसा वापस
ईडी ने कल विशेष पीएमएलए कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की ताकि दोनों की भारत, ब्रिटेन और यूएई की संपत्ति जब्त की जा सकें.
नई दिल्लीः नीरव मोदी और मेहुल चौकसी अब जल्द भगोड़े आर्थिक अपराधी कहलाएंगे. ईडी ने सेक्शन 12 के तहत कल विशेष पीएमएलए कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की ताकि दोनों की भारत, ब्रिटेन और यूएई की संपत्ति जब्त की जा सकें. हालांकि सवाल उठ रहे हैं कि क्या वाकई ईडी सक्रिय हो गई है या फिर फिर से टालमटोल का खेल चल रहा है. राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस बारे में 4 मई को ईडी को जो खत लिखा उस खत का जवाब दो महीने बाद आया.
राज्यसभा सांसद संजय सिंह का खत देखने पर पता चलता है कि उसमें बैंक डिफॉल्टर की लंबी लिस्ट देते हुए मांग की गई थी कि डिफाल्टर के पासपोर्ट कम से कम जब्त करने चाहिये जिससे वह देश छोड भाग ना सके.
वहीं ईडी ने इसके जवाब में लिखा कि प्रवर्तन निदेशालय सिर्फ दो कानूनों फेमा, 1999 और पीएमएलए 2002 से जुड़े मामले ही देखता है. इन कानूनों से संबंधित नियम तभी लागू किए जा सकते हैं, जब कुछ निश्चित शर्तें पूरी होती हों
यानी एक तरफ इस पत्र में ईडी ये साफ कह रहा है कि फेमा और पीएमएलए के तहत वह कुछ कानूनी तौर पर कर नहीं सकता. तो दूसरी तरफ ईडी पीएमएलए कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को आर्थिक भगौडा अपराधी घोछित करने की मांग करता है.
तो क्या इससे ये संकेत निकलकर सामने आता है कि डिफाल्टर देश छोड कर भाग जाये इसकी छूट है. वहीं दूसरी तरफ डिफॉल्टर को भगौडा घोषित करा कर ईडी अपनी साख बनाये रखना चाहता है
अब क्या है स्थिति नीरव मोदी और मेहुल चौकसी छह हफ्ते के भीतर पीएमएलए कोर्ट के सामने पेश न होने पर भगौड़े कहलायेगे और इसके बाद दोनों की संपत्तियों को जब्त कर देनदारों के बकाए चुकाये जाएंगे. हालांकि भारतीय कानून प्रक्रिया इतनी लंबी है जिसमें सजा की संभावना तो बहुत मुश्किल है अलबत्ता संपत्ति बेच पाने में ही बहुत झमेले हैं. इसके आधार पर ही फिर से ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या नीरव मोदी और मेहुल चौकसी भी विजय माल्या की तर्ज पर जांच एजेंसियों की पकड़ से पूरी तरह बाहर चले गए हैं. क्योंकि सच यही है कि उसे वापस लाने में किसी की दिलचस्पी नहीं दिख रही है.
इससे भी बुरी स्थिति ये है कि सीबीआई को पता ही नहीं है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी दोनों कहां पर हैं वहीं विदेश मंत्रालय ने प्रत्यपर्ण आवेदन भी अभी तक नहीं भेजा है. यानी इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि सीबीआई रेडकॉर्नर नोटिस जारी करने से लेकर पासपोर्ट रद्द करने तक की बात करती है. पर नीरव मोदी दुनिया घूम रहे हैं ये खबरें बार बार आती हैं. देश के भीतर डिफॉल्टर्स के पासपोर्ट जब्त करने की बाबत ईडी हाथ खड़े कर देती है.