सब्जबाग दिखाकर ठगने के आरोप में एग्री गोल्ड ग्रुप पर ED की बड़ी कार्रवाई, 4109 करोड़ की संपत्ति जब्त
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में दर्ज कराई गई कई FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत शुरू की गई थी.
भोले भाले लोगों को सब्जबाग दिखाकर अरबों रुपए ठगने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने एग्री गोल्ड कंपनी और उसके निदेशकों की कुल 4109 करोड़ रुपए की चल अचल संपत्ति ज़ब्त की है. जो संपत्ति ज़ब्त की गई है उसमें 2,809 भूमि जायदाद है. साथ ही यह जायदादें देश के विभिन्न हिस्सों में फैली हुई हैं.
ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि जो जमीनें जब्त की गई हैं वह आंध्र प्रदेश के करीब 14 शहरों, कर्नाटक के 5 जिलों, तेलंगाना के लगभग एक दर्जन जिलों समेत कर्नाटक के 5 जिलों और उड़ीसा के भी एक जिले में शामिल है.
ईडी अधिकारी ने कहा- कंपनी के खिलाफ है जांच
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में दर्ज कराई गई कई FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत शुरू की गई थी. यह घोटाला एग्रो गोल्ड ग्रुप ऑफ कंपनीज के माध्यम से उसके निदेशक आवा वेंकट रामा राव ने अपने 7 भाइयों और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर रचा था और इसके तहत 150 से ज्यादा कंपनियों की स्थापना की गई थी.
आरोप है कि षड्यंत्र के तहत आम जनता के बीच में बताया गया कि उन्हें एक निश्चित धनराशि के बदले विभिन्न जगहों पर जमीने विकसित करके दी जाएंगी. आरोपी अपनी चाल में कामयाब भी रहे और उनके विभिन्न हजारों कमीशन एजेंटों ने विभिन्न योजनाओं के साथ लोगों को लुभाया और 32 लाख से ज्यादा निवेशकों से 63 80 करोड़ रुपए जमा करने में कामयाब हो गए. अंत में भोले-भाले निवेशकों को ना तो प्लाट मिला और ना ही उनकी जमा कराई गई रकम.
रियल स्टेट सौदे के बहाने फंसाती थी एग्रो गोल्ड ग्रुप कंपनियां
ईडी अधिकारी के मुताबिक जांच के दौरान यह भी पता चला कि एग्रो गोल्ड ग्रुप कंपनियां रियल स्टेट सौदे के बहाने भोली-भाली जनता को अपनी योजनाओं में सीधे या अपने एजेंटों के माध्यम से जमाकर्ताओं के रूप में शामिल होने का लालच देती थी. इसके बदले उन्हें अनेक तरीके के सब्जबाग दिखाए जाते थे और यही फर्जी सब्जबाग दिखाकर भोली-भाली जनता से पैसे आरोपियों ने अपने खातों में जमा करवा लिए थे.
जांच के दौरान यह भी पता चला कि जो रकम जमा हुई उनसे अनेक जगहों पर बेहिसाब संपत्ति खरीदी और उस जमा की गई धनराशि को अवैध तरीके से अनेक जगहों पर डाइवर्ट भी किया गया. ये ऐसी कंपनियां थी जो इन लोगों के परिवारों से सीधे जुडी हुई थी. इन लोगों के नाम पैराडाइज पेपर लीक में भी पाए गए थे.
ईडी को अब तक की जांच के दौरान कुल 4109 करोड़ रुपए की संपत्तियों का पता चला था जिन्हें जांच के बाद आरंभिक तौर पर जप्त कर लिया गया है. ईडी ने इस मामले में कंपनी के निदेशकों की गिरफ्तारी भी की थी मामले की जांच जारी है.