Bank Loan Fraud: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चेन्नई (Chennai) में 3986 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी (Bank Fraud) के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. ईडी के मुताबिक ये लोग सुराणा इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Surana Industries Limited) के निदेशक और उसके सहयोगी हैं. आरोप है कि इन लोगों ने डमी कंपनियों की मदद से घोटाले का पैसा विदेश भेजा साथ ही विदेशों में भी चल और अचल संपत्तियां बनाई.


ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच सीबीआई की बेंगलुरु शाखा द्वारा दर्ज की गई. इस मामले में दर्ज एफआईआर में जिन 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें मैसर्स सुराणा इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सह प्रमोटर्स दिनेश चंद सुराणा, मैसर्स सुराणा कारपोरेशन लिमिटेड के प्रमोटर विजय राज सुराणा के अलावा पी आनंद और आई प्रभाकरण शामिल है. 


आरोपियों ने किस तरह से बैंकों को पहुंचाया नुकसान?
आरोप है कि इन लोगों ने एक आपराधिक साजिश के तहत बैंकों को हजारों करोड़ों रुपये का चूना लगाया. इसके तहत इन लोगों ने फर्जी संस्थाओं के माध्यम से खातों की किताबों में हेराफेरी की और शेल कंपनियों के माध्यम से धन को एक जगह से दूसरी जगह भेजा. इसके अलावा इन लोगों ने कंपनी के खातों से धन को अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए निकाला. साथ ही बैंक द्वारा दिए गए लोन को भी समय पर नहीं दिया जिसके चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 3986 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.


किसने बनाई शेल कंपनियां?
ईडी को अपनी जांच के दौरान पता चला कि इन लोगों ने शेल कंपनियों का एक जाल बनाया था. जिसमें इन शेल कंपनियों के डमी निदेशक या तो सुराणा परिवार के पैतृक गांव के लोग या फिर उनके रिश्तेदार थे. समूह की तीन मुख्य कंपनियों के लेनदेन शेल कंपनियों के माध्यम से किए गए थे और उसके बाद घोटाले की रकम को लेयरिंग के माध्यम से संपत्तियों की खरीद सहित अन्य उद्देश्यों के लिए एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया. साथ ही उन शेल कंपनियों के नाम पर भी बेनामी संपत्तियां खरीदी गई.


आरोपियों ने घोटाले की रकम को कैसे भेजा विदेश?
जांच के दौरान यह भी पाया गया कि आरोपियों ने घोटाले की रकम को विभिन्न हवाला माध्यमों के जरिए विदेशों में भेजा. आरोप है कि इन लोगों ने सिंगापुर (Singapore) में चार डमी कंपनियां बनाई और उस कंपनी में घोटाले की रकम को भेजा. यह भी आरोप है कि घोटाले की रकम को आरोपियों के परिजनों के बैंक खातों में भी भेजा गया.


इनमें पी आनंद और आई प्रभाकरण शेल कंपनियों को सक्रिय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे. ईडी ने गिरफ्तार चारों लोगों को विशेष अदालत (Special Court) के सामने पेश किया जहां से उनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया गया. इस मामले में जांच जारी है.




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