मुंबई: यस बैंक के संस्थापक और पूर्व सीईओ राणा कपूर की ईडी की तीन दिन की हिरासत आज खत्म हो रही है. उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रविवार सुबह 4 बजे गिरफ्तार किया गया था. उन्हें आज सुबह 11 बजे के करीब पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा. ईडी की जांच में ये आरोप लगा है कि यस बैंक ने दिवालिया हो चुकी डीएचएफएल कंपनी को 3500 करोड़ रुपये लोन दिया था. आरोप है कि इस बैड लोन के बदले डीएचएफएल ने राणा कपूर परिवार को फायदा पहुंचाते हुए उनकी बेटियों की कंपनियों को 600 करोड़ रुपये का लोन दिया जिसमें अनियमितता बरती गई. ईडी ने पूरे राणा परिवार के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है. शिकंजा राणा की बेटियों पर भी कसा गया है. ईडी ने राणा की पत्नी बिंदु कपूर और बेटी रोशनी कपूर से भी पूछताछ की है. इन्हीं तीन दिनों की रिमांड के दौरान ईडी ने उस पेंटिग को भी जब्त किया है जिने राणा कपूर ने प्रियंका गांधी से साल 2010 में 2 करोड़ रुपये मे खरीदा था.
यस बैंक पर आरबीआई का फैसला क्या है?
2019 में 3 लाख 80 हजार 826 करोड़ रुपए की पूंजी वाले यस बैंक पर 2 लाख 41 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज है. बैंक का एनपीए बढ़ा तो RBI ने कमान अपने हाथ में ली. बैंक के निदेशक मंडल को 30 दिन के लिए भंग किया है. बैंक की देखरेख के लिए प्रशासक नियुक्त किया गया. SBI के पूर्व डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ फाइनेनशियल ऑफिसर प्रशांत कुमार यस बैंक के नए प्रशासक हैं.
खाता धारकों की बैंक से पैसा निकालने की सीमा 50 हजार रुपए महीना तय कर दी गई है. विशेष परिस्थितियों में 5 लाख रुपए तक खाते से निकाले जा सकते हैं. विशेष परिस्थिति का मतलब, पढ़ाई, इलाज और शादी है.
आरबीआई को क्यों उठाना पड़ा ऐसा कदम?
आरबीआई ने कदम इसलिए उठाया है ताकि बैंक की वित्तीय हालत को सुधारा जा सके. खाता धारकों के पैसों को डूबने से बचाया जा सके. RBI को ग्राहकों और बैंक की मदद के इसलिए आना पड़ा क्योंकि 2004 में शुरू हुए यस बैंक की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी.
बैंक कब से गड़बड़ी कर रहा था?
बैंक पर कर्ज का बोझ बढ़ा रहा था और बैंक के शेयर लगातार गिर रहे थे. ग्राहकों को अपने पैसों की चिंता हो रही थी. 2018 से RBI को लग रहा था कि बैंक ने अपने NPA और बैलेंसशीट में गड़बड़ी की है. इसके बाद RBI के दबाव में यस बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को पद छोड़ना पड़ा.
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