Money Laundering Act: आईआरईओ ग्रुप के सह-प्रबंध निदेशक ललित गोयल और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (Money Laundering Act) के तहत आरोप पत्र हरियाणा स्थित पंचकूला की विशेष अदालत के सामने पेश कर दिया है. पंडोरा पेपर लीक मामले में भी ललित गोयल और उनकी कंपनियों का नाम हाल ही में सामने आया था.
ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि हरियाणा के गुड़गांव, पंचकूला, लुधियाना और देश की राजधानी दिल्ली समेत अनेक पुलिस थानों में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर आईआरईओ समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की गई थी. मामले में आरोप था कि इस ग्रुप कंपनी ने हजारों से अधिक खरीदारों-निवेशकों को अपनी योजनाओं के तहत घर खरीदने के लिए प्रेरित किया था और लोगों ने इसके लिए अग्रिम भुगतान करके फ्लैट और प्लॉट बुक भी किए थे, लेकिन इन ग्राहकों को आज तक कोई भी कब्जा नहीं मिला. जांच के दौरान यह भी पता चला कि ग्रुप कंपनी में लगभग 1225 करोड़ रुपये तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखते हुए बाहर भेजें. आरोप के मुताबिक, इस रकम को ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड मॉरीशस जैसे टेक्स हैवन जैसे देशों में भेजा गया.
पेंडोरा पेपर लीक मामले में भी नाम आया था सामने
ईडी को जांच के दौरान यह पता चला कि इस रकम को बाहर भेजने के लिए इस ग्रुप कंपनी ने अपने खाते की किताबों में काल्पनिक खर्च दिखाएं. साथ ही अन्य धोखाधड़ी भी की, जिससे धन कब, कैसे, किसके जरिए बाहर भेजा गया, इसका सीधे तौर पर पता ना चल सके. इसके साथ ही इस ग्रुप कंपनी ने शैल कंपनियों के माध्यम से भी पैसा इधर से उधर भेजा और उनके नाम पर संपत्ति बनाई. ईडी के मुताबिक, ललित गोयल का नाम हाल ही में आए पेंडोरा पेपर लीक मामले में भी सामने आया था.
चार कंपनियों का नाम भी आया है सामने
मामले में आरोप था कि ललित गोयल एक विदेशी ट्रस्ट के सेटलर और नामित लाभार्थी हैं, जो भारत के बाहर संपत्ति रखने वाली संस्थाओं का मालिक है. इनमें चार कंपनियों का नाम भी सामने आया है, जो ललित गोयल के स्वामित्व में है. यह भी पता चला कि इन कंपनियों के पास विदेशों में लगभग 575 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है.
प्रवर्तन निदेशालय ने ललित गोयल के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी कराया था, जिससे वह देश से बाहर ना भाग सके. ललित गोयल को ईडी ने 16 नवंबर 2021 को गिरफ्तार कर लिया था, तब से वह न्यायिक हिरासत में जेल में है. अब प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अपना आरोपपत्र भी विशेष अदालत के सामने पेश कर दिया है, जिस पर जल्द सुनवाई होनी है.
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