Money Laundering Case: 350 छात्रों को एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर 65 करोड़ रुपये से ज्यादा की उगाही के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है. इस चार्जशीट में श्री छत्रपति शिवाजी एजुकेशन सोसाइटी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉक्टर महादेव रामचंद्र देशमुख और चार अन्य लोगों का नाम है. यह आरोपपत्र मुंबई में ईडी की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया है, जिसपर अदालत ने संज्ञान भी ले लिया है.


ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि इस बाबत महाराष्ट्र के सतारा जिले में 30 नवंबर 2016 को डॉक्टर महादेव रामचंद्र देशमुख और अन्य के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की गई थी. इस मामले में एमबीबीएस प्रवेश के लिए झूठे वादों के साथ छात्रों को धोखा देने का अपराध था.


ईडी जांच में क्या मिला?


ईडी को जांच के दौरान पता चला कि छत्रपति शिवाजी एजुकेशन सोसायटी कोल्हापुर महाराष्ट्र एक चैरिटेबल ट्रस्ट है जो अपने कॉलेजों-अस्पतालों के माध्यम से शैक्षिक और चिकित्सा गतिविधियों में लगा हुआ है.


ईडी के दावे के मुताबिक, साल 2011 से साल 2016 के दौरान छत्रपति शिवाजी एजुकेशन सोसायटी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉक्टर महादेव रामचंद्र देशमुख और चार अन्य लोगों ने आपस में मिलीभगत से एमबीबीएस प्रवेश में दाखिला दिलाने के नाम पर भोले वाले छात्रों से 65 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि एकत्र की. 


आरोप है कि इस धनराशि को अस्पताल की आय के रूप में जमा किया गया ताकि उसे एक नंबर की आय के तौर पर दिखाया जा सके. बाद में इस पैसे को नकद में वापस ले लिया गया और यह भी आरोप है कि इसमें से काफी रकम उनके व्यक्तिगत बैंक खातों में भेजी गई. ईडी (ED) ने इस मामले में रामचंद्र देशमुख को 6 मई 2022 को गिरफ्तार किया था जो अभी भी न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. मामले की जांच जारी है.


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