कथित टीआरपी घोटाला मामले में ED ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का ‘केस’, पिछले महीने मुंबई पुलिस ने दर्ज की थी एफआईआर
मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बीते अक्टूबर में एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए दावा किया तीन चैनल पैसा देकर अपने लिए फर्जी टीआरपी जुटा रहे थे.
नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही कथित टीआरपी घोटाले की जांच के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज की है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने इनफोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की है, जो पुलिस एफआईआर के बराबर होती है. ईडी ने यह शिकायत मुंबई पुलिस एफआईआर का अध्ययन करने के बाद दर्ज की है, जो पुलिस ने बीते अक्टूबर में दर्ज की थी.
सूत्रों की मानें तो पुलिस की एफआईआर में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उनसे ईडी जल्द ही पूछताछ करने और उनके बयानों की रिकॉर्डिंग के लिए बुलाएगी. फेक टीआरपी (टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट) घोटाला तब सामने आया था, जब रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने हंसा रिसर्च ग्रुप के माध्यम से एक शिकायत दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ टेलीविज़न चैनल टीआरपी में हेराफेरी कर रहे हैं.
पुलिस ने आरोप लगाया था कि कुछ चैनल धोखाधड़ी से टीआरपी बढ़ाने के लिए रिश्वत दे रहे थे, ताकि वे अपने चैनल पर विज्ञापन का राजस्व बढ़ा सकें. पुलिस का आरोप है कि चैनल उन लोगों को एक विशेष चैनल चलाने के लिए पैसे दे रहे थे, जिनके यहां टीआरपी का डेटा इकट्ठा करने वाले मीटर लगाए गए थे. टेलीविजन की दुनिया में टीआरपी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि चैनलों का विज्ञापन राजस्व इसी पर निर्भर करता है.