नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए और उनसे करीब 11 घंटे तक पूछताछ की गई. ईडी ने कार्ति को इस मामले के जांच अधिकारी (आईओ) के समक्ष पेश होने का समन भेजा था.


आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कार्ति से इस मामले में उनकी भूमिका को लेकर कई सवाल किए गए और धनशोधन विरोधी कानून के तहत उनका बयान रिकॉर्ड किया गया.


पूछताछ के बाद कार्ति ने कहा, "जो मैं अदालत में दायर याचिकाओं में कहता आया हूं वही बात कही है. ऐसे सवाल थे जो टाइप किए हुए थे ऐसे में समय लग गया." इससे पहले के दो मौकों पर उनके अधिकृत प्रतिनिधि ने आईओ से मुलाकात की थी. इसके बाद केन्द्रीय जांच एजेंसी ने उनसे खुद पेश होने को कहा था.


जांच एजेंसी ने पिछले साल मई में उनके और कई आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. एजेंसी ने सीबीआई की शिकायत के नामजद आरोपियों के खिलाफ ईसीआईआर दर्ज की. प्रवर्तन निदेशालय की ईसीआईआर पुलिस की प्राथमिकी के समकक्ष होती है.


ईडी की ईसीआईआर में कार्ति, आईएनएक्स मीडिया और इसके निदेशकों पीटर तथा इंद्राणी मुखर्जी शामिल है. सीबीआई की शिकायत में भी इन आरोपियों के नाम हैं. धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के मुताबिक, ईसीआईआर दर्ज की गई थी.


इससे पहले सीबीआई ने जांच के सिलसिले में चार शहरों में कार्ति के घरों तथा कार्यालयों में तलाशी ली थी. कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने कर संबंधी जांच से बचने के लिए पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के स्वामित्व वाली एक मीडिया कंपनी से धन लिया था.


कार्ति और उनके पिता ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इंकार किया है.