नई दिल्लीः संदेसारा घोटाला मामले में कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम शनिवार 27 जून को अहमद पटेल के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंची, जहां उनसे संदेसारा ग्रुप से संबंधों को लेकर गहन पूछताछ की गई. संदेसारा ग्रुप पर हजारों करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है और इस ग्रुप के मालिक संदेसारा बंधु देश से फरार हो चुके हैं. ईडी ने यह मुकदमा 2017 में दर्ज किया था और ग्रुप की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक पर मुकदमे से इस मामले की शुरुआत हुई थी.


दामाद और करीबी से भी हुई थी पूछताछ


ईडी सूत्रों के मुताबिक इस मामले की शुरुआती जांच के दौरान तत्कालीन ईडी निदेशक कर्नल सिंह के निर्देशन में जांच आगे बढ़ी थी और ईडी ने गगन धवन नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था. गगन धवन कांग्रेसी नेता अहमद पटेल का करीबी बताया जाता है.


गगन धवन को गिरफ्तारी के बाद  रिमांड पर लिया गया और इस पूछताछ के दौरान अनेक अहम जानकारी सामने आई. इसी पूछताछ के आधार पर ईडी ने अहमद पटेल के दामाद इरफान सिद्दीकी से पूछताछ की. इरफान सिद्दीकी पर आरोप है कि संदेसारा ग्रुप ने उन्हें दक्षिण दिल्ली के पॉश इलाके में एक मकान दिया हुआ है. यह मकान ग्रुप की कंपनी के नाम पर ही बताया जाता है. इरफान सिद्दीकी पेशे से वकील बताए जाते हैं.


इस जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि संदेसारा ग्रुप अहमद पटेल के कार्यालय में काम करने वाले कुछ लोगों को अपनी तरफ से वेतन भी देता है. ईडी ने इस बाबत अनेक जगहों पर छापेमारी भी की थी.


पूर्व CBI निदेशक अस्थाना तक पहुंची थी आंच


जांच के दौरान यह आरोप भी सामने आया कि नोटों से भरे हुए बैग अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल तक भी पहुंचाए गए थे. यही वह मामला है जिसकी जांच की आंच सीबीआई के तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना तक भी पहुंची थी और यह आरोप भी लगे थे कि इस ग्रुप के निदेशकों के राकेश अस्थाना से भी अच्छे संबंध हैं. हालांकि राकेश अस्थाना ने  इन तमाम आरोपों को निराधार बताया था .


अभी तक के ताजा हालातों के मुताबिक इस मामले में संदेसारा ग्रुप के निदेशक नितिन संदेसारा और चेतन देश से फरार हो चुके हैं और अब तक उनके बारे में कोई अहम जानकारी नहीं मिल पाई है कि वह कहां मौजूद हैं.


जांच के लिए नहीं पहुंचे थे अहमद पटेल


ईडी ने जांच के दौरान मामले के तार सोनिया गांधी के करीबी और कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल से जुड़ते भी पाए, लिहाजा उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए गए थे. हालांकि अहमद पटेल एक भी पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस नहीं गए और उनकी तरफ से बताया गया कि क्योंकि कोरोना संकट चल रहा है और उन्हें अनेक बीमारियां भी हैं, ऐसे में वे ईडी कार्यालय में पेश नहीं हो सकते.


इसके बाद अधिकारियों ने उनके घर पर जाकर ही पूछताछ करने का निर्णय लिया. शनिवार की सुबह लगभग 11:00 बजे ईडी की एक टीम अहमद पटेल के घर पहुंची और उनसे पूछताछ का सिलसिला शुरू किया गया.


ईडी इस मामले में जानना चाहती है कि संदेसारा बंधुओं से उनके क्या संबंध थे और इस ग्रुप को हजारों करोड़ों का लोन दिलाने में उनकी क्या भूमिका थी. ईडी साथ ही उन तमाम आरोपों के बारे में भी अहमद पटेल से सवाल पूछेगी जिनमें दावा किया गया है कि उनके दामाद और बेटे को इस ग्रुप ने कई तरह के लाभ पहुंचाए हैं.


क्या है स्टर्लिंग बायोटेक मामला?


गुजरात में फॉर्मा क्षेत्र की इस कंपनी का संचालन वड़ोदरा का संदेसारा परिवार करता है. आरोप है कि फॉर्मा कंपनी के प्रमोटर संदेसारा बंधुओं नितिन और चेतन और दीप्ति संदेसारा ने 14,500 करोड़ रुपये का बैंक लोन फ्रॉड किया और देश छोड़कर भाग गए थे. सरकार उन्हें भगोड़ा घोषित कर चुकी है.


कारोबार बढ़ाने की बात कहकर संदेसरा बंधुओं ने स्टर्लिंग बायोटेक के नाम पर  5383 करोड़ का लोन लिया था. यह लोन आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह ने दिया था.  मगर उन्होंने जानबूझकर इसे नहीं चुकाया. बैंकों की शिकायत पर आखिरकार सीबीआई ने अक्टूबर 2017 में फार्मा कंपनी के प्रमोटर नितिन संदेसारा, चेतन संदेसारा और दीप्ति संदेसारा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था. वहीं ईडी ने जांच में पाया था कि स्टर्लिंग बायोटेक ने बैंकों से कर्ज लेने के लिए अपनी प्रमुख कंपनियों की बैलेंसशीट में आंकड़ों की हेराफेरी भी की थी.


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