मुंबई: टीआरपी घोटाले में ED की जांच से एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. ईडी के सूत्रों से जानकारी मिली है कि एंटीलिया और मनसुख हिरेन केस में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी सचिन वाजे ने BARC के अधिकारियों से 30 लाख रुपये की रिश्वत ली थी. वाजे ने ये रिश्वत गिरफ्तारी का डर दिखाकर ली थी. रिश्वत का ये पैसा फर्जी कंपनियों में जमा कराया गया था और बाद में वाजे के दोस्त ने हवाले के जरिए अपने पास मंगाया था. 
जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि पूछताछ के नाम पर वाजे ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के अधिकारियों को अपने पास बुलाता था और उन्हें दफ्तरों के बाहर घंटों बैठाता था. वाजे ने ये कहकर रिश्वत ली थी कि अब वह उन अधिकारियों के परेशान नहीं करेगा.


ईडी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने बार्क से जुड़े लोगों का स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया है जिन्होंने वाजे को पैसे देने की बात कही है. इसी मामले में अब ईडी सचिन वाजे और दूसरे क्राइम ब्रांच के अधिकारी का स्टेटमेंट रिकॉर्ड करेगी. 


मुंबई पुलिस के दूसरे अधिकारियों के भी हवालात से ताल्लुकात
बार्क के अधिकारियों ने बताया है कि ये पैसे वाजे ने डरा धमका कर लिए थे. बार्क में बड़े पदों पर कार्यरत लोगों के बड़ी कंपनियों से ताल्लुकात हैं. इन्हें झूठे आरोप लगाकर गिरफ्तार करने का डर दिखाया गया. इसी डर के चलते वाजे को दिए गए थे. अब ईडी से जांच करेगी कि वाजे ने और किन-किन लोगों से पैसे लिए थेस कई प्रॉपर्टीज जब्त की थी, उनसे कितने पैसे लिए थे. और ये पैसे गए कहां. वाजे के साथ-साथ मुंबई पुलिस के दूसरे अधिकारियों के भी हवालात से ताल्लुकात माने जा रहे हैं, जो ईडी की रडार पर आ गए हैं.


आपको बता दें कि सचिन वाजे जब मुंबई के सीआईयू का इंचार्ज था तब उसने टीआरपी घोटाले में एक मामला दर्ज किया था. उसी मामले में कई गिरफ्तारियां भी की गई थी. जिसके बाद इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से ईडी ने जांच शुरू कर दी थी.


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