ED ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को फिर जारी किया समन, अब 5 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया
प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को वर्षा राउत को पेश होने के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने ईडी से 5 जनवरी तक का वक्त मांगा था. अब ईडी ने फिर से समन जारी करते हुए उन्हें पांच जनवरी को पूछताछ के लिए दफ्तर में पेश होने को कहा है.
मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को फिर समन जारी किया है. इसमें वर्षा राउत को अब 5 जनवरी को ईडी दफ्तर में पेश होने के लिए कहा गया है. दरअसल, पीएमसी बैंक घोटाले मामले की जांच में पूछताछ के लिए ईडी ने वर्षा राउत को आज पेश होने के लिए कहा था. उन्होंने ईडी से पांच जनवरी तक का समय मांगा था.
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला एचडीआईएल से संबंधित है. एचडीआईएल के वाधवा बंधु को पीएमसी बैंक घोटाले में गिरफ्तार किया गया था. वाधवा परिवार ने करोड़ो रूपये लोन बैंक से लिए और चुकाने में नाकाम रहे. वाधवा बंधुओं के करीबी माने जाते हैं प्रवीन राउत जो संजय राउत के भी करीबी दोस्तों में से एक है. प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी राउत के अकाउंट से करीब 55 लाख रुपए संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए. ईडी इसी लेन देन के बारे में जानना चाहती है.
क्या है पीएमसी बैंक घोटाला?
साल 2019 में आरबीआई को पीएमसी बैंक घोटाले का पता चला था. नकली बैंक खाते के जरिए 6500 करोड़ रुपये का लोन दिया जा रहा था. रिजर्व बैंक ने पैसे निकालने पर रोक लगा दी थी. आरबीआई ने इसे धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दायर किया. ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले और जालसाजी के एक मामले की जांच कर रही है.
संजय राउत ने कहा था कि उनकी पत्नी शिक्षिका हैं, बीजेपी के नेताओं की तरह हमारी संपत्ति बढ़कर 1600 करोड़ रुपये नहीं हो गयी है. ईडी द्वारा उनकी पत्नी को तलब किए जाने संबंधी सवाल पर राउत ने आरोप लगाया कि (बीजेपी) राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के परिवार के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.
राज्यसभा सदस्य ने कहा था, ‘‘मेरी पत्नी ने 10 साल पहले एक मकान खरीदने के लिए एक दोस्त से 50 लाख रुपये का कर्ज लिया था. उस संबंध में पिछले डेढ़ महीने से प्रवर्तन निदेशालय के साथ लगातार पत्र-व्यवहार हुआ है.’’ उन्होंने कहा कि पत्र-व्यवहार के दौरान इस कर्ज राशि को लेकर सभी डिटेल ईडी को मुहैया करा दिए गए थे. उन्होंने कहा, ‘‘हम मध्यवर्गीय परिवार से हैं. मेरी पत्नी ने मकान खरीदने के लिए 10 साल पहले एक दोस्त से कर्ज लिया था. विवरण आयकर विभाग को दिए गए थे और राज्यसभा चुनाव के लिए शपथपत्र में भी मैंने इसका जिक्र किया. दस साल बाद ईडी की नींद खुली है.’’