ED Official Arrested In Tamilnadu: तमिलनाडु में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी को पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में गिरफ्तार किया है. करीब आठ किलोमीटर तक कार से पीछा कर उसे एक सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है. उसका नाम अंकित तिवारी है.


न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने शुक्रवार (1 दिसंबर) को इस बारे में विस्तार से बताया है. पता चला है कि वह वसूली के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के नाम का इस्तेमाल किया करता था.





पुलिस ने ईडी कार्यालय में ली तलाशी

डिंडीगुल में हिरासत में लिए जाने के बाद, डीवीएसी अधिकारियों के एक दल ने मदुरै में उप-क्षेत्र ईडी कार्यालय में 'जांच' की, इस दौरान राज्य पुलिसकर्मी केंद्र सरकार के कार्यालय के बाहर तैनात थे. अंकित 'केंद्र सरकार के मदुरै प्रवर्तन विभाग कार्यालय में प्रवर्तन अधिकारी के रूप में कार्यरत है. आरोपी को 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस गिरफ्तारी के बाद डिंडीगुल में उसके घर पर भी छापेमारी हुई है.


ईडी के कई अधिकारियों के शामिल होने के दावे
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले की जांच से पता चलता है कि इस घूस कांड में मदुरई और चेन्नई से ईडी के कई अधिकारी शामिल हैं. तिवारी कई लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे करोड़ों की उगाही कर रहा था. दावा है कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पूरे गिरोह की मदद से वसूली होती थी.


पीएमओ के नाम ब्लैकमेल करता था ईडी अधिकारी
सूत्रों की मानें तो अंकित तिवारी ने 29 अक्टूबर को डिंडीगुल के एक सरकारी कर्मचारी से उसके खिलाफ दर्ज एक पुराने मामले में संपर्क किया था. सरकारी कर्मचारियों को डराने के लिए तिवारी ने कहा कि पीएमओ ने ईडी से इस मामले की जांच दोबारा शुरू करने को कहा है.


उसने सरकारी कर्मचारी से जांच के लिए 30 अक्टूबर को मदुरई में ईडी के ऑफिस में पेश होने का कहा. उसी के मुताबिक जब सरकारी कर्मचारी पहुंचा तो उससे जांच बंद करने के लिए 3 करोड़ रुपये मांगी गई और फाइनली 51 लाख पर बात बनी थी. 


पुलिस ने बिछाया जाल


एक नवंबर को सरकारी कर्मचारी ने कथित तौर पर ईडी अधिकारी को बीस लाख रुपये की पहली किश्त दी. इसके बाद तिवारी ने कहा कि बाकी अधिकारियों में भी पैसा बांटना है, इसलिए पूरा पैसा देना होगा. नहीं देने पर कार्रवाई होगी.


इसके बाद सरकारी कर्मचारी ने उसके खिलाफ 30 नवंबर को डीवीएसी की डिंडीगुल यूनिट में शिकायत दर्ज की. पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया और सरकारी कर्मचारी को 20 लख रुपये देने की बात कह कर अंकित को बुलाने के लिए कहा. उसी के मुताबिक एक दिसंबर को वह अपनी कार से सरकारी कर्मचारी से मिलने गया और जब रुपये घूस के तौर पर ले रहा था तो रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया है.


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