Money Laundering Case: सत्येंद्र जैन के मामले में एक्शन में ED, सहयोगियों समेत कई ठिकानों पर की छापेमारी
ED Action Against Satyendra Jain: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने एक बार फिर सत्येन्द्र जैन और उनके सहयोगियों के यहां आधा दर्जन से अधिक जगहों पर छापेमारी की है.
Ed Raid on Satyendra Jain Place: मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री (Delhi Health Minister) सत्येन्द्र जैन (Satyendra Jain) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आज सुबह-सुबह ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर सत्येन्द्र जैन के सहयोगियों समेत आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी (Raid) की है. ईडी की सूत्रों की अगर मानें तो इसमें सत्येंन्द्र जैन के भी ठिकाने शामिल हैं जहां शुक्रवार की सुबह छापेमारी की गई है. सत्येंद्र जैन इस समय गिरफ्तारी के बाद से दिल्ली (Delhi) की तिहाड़ जेल (Tihad Jail) में है.
हाल में ही ED ने इस मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन और उनके सहयोगियों के यहां छापेमारी भी की थी. उस वक्त कुल 7 ठिकानों पर छापेमारी हुई थी जिसमें प्रकाश ज्वैलर्स के यहां 2.23 करोड़ और वैभव जैन के यहां 41.5 लाख रुपये कैश के अलावा 133 सोने के सिक्के मिले थे. तो वहीं प्रूडेंस स्कूल के चेयरमैन जीएस मथारू के यहां भी 20 लाख रुपये कैश मिला था.
आप ने दावों को किया था खारिज
वहीं ईडी की इस छापेमारी के बाद आप ने केंद्र सरकार को घेरा था. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि इस वक्त प्रधानमंत्री जी पूरी ताकत के साथ आम आदमी पार्टी के पीछे पड़े हैं. खासकर दिल्ली और पंजाब सरकारों के, झूठ पर झूठ, झूठ पर झूठ, आपके पास सारी एजेन्सीज की ताकत है, पर भगवान हमारे साथ है. ईडी के दावों के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने ED के पंचनामा की कॉपी दिखाते हुए दावा किया ED को सत्येंद्र जैन के घर से कुछ नहीं मिला. ईडी बदनाम करने के मकसद से ये कर रही है लेकिन रेड फेल हो गयी.
क्या है पूरा मामला और कैसे हुई ईडी की एंट्री
आम आदमी पार्टी (Aam Aadami Party) के मंत्री सत्येन्द्र जैन (Satyendra Jain) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का मामला अगस्त 2017 में सीबीआई (CBI) द्वारा उनके और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी (FIR) के बाद आया. सीबीआई ने दिसंबर 2018 में एक आरोप पत्र (Charge Sheet) दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि 2015-17 के दौरान कथित आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) का मूल्य 1.47 करोड़ रुपये था, जो उनकी आय के स्रोतों (Source Of Income) से लगभग 217 प्रतिशत अधिक था. आयकर विभाग (Income Tax) ने भी इन लेन-देन की जांच की थी और कथित रूप से जैन से जुड़ी बेनामी संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी किया था. इसके बाद इसमें ईडी (ED) की एंट्री हुई थी.