नई दिल्लीः वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले और मोजर बेयर बैंक फ्रॉड मामले में ईडी ने मामले के एक मुख्य आरोपी राजीव सक्सेना की 385 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली है. राजीव सक्सेना की जो संपत्ति जब्त की गई है, उसमें दुबई की एक संपत्ति, जिसकी किमत 20 मिलियन यूएई मुद्रा और पांच स्विस बैंकों में राजीव सक्सेना की 45 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि शामिल है.


बता दें कि अभियुक्त राजीव सक्सेना वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में 31 जनवरी 2019 को दुबई से भारत लाया गया था और तब से वह जेल में ही है.


ईडी के मुताबिक अब तक की जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी राजीव सक्सेना हवाला ऑपरेटर है और लोगों को फर्जी एंट्रियां देने का काम भी करता है. सक्सेना ने अनेकों कंपनियां दुबई में खोली हुई थीं, जिनके आधार पर वह अपने हवाला ऑपरेशन और फर्जी एंट्री व्यापार को चलाता था.


ईडी के मुताबिक राजीव सक्सेना के अनेक हाई प्रोफाइल लोगों से संबंध हैं. आरोप के मुताबिक उसने हेलीकॉप्टर घोटाले और मोजर बेयर बैंक फ्रॉड घोटाले की रकम को स्विस बैंकों में छुपाने का काम किया.  ईडी को जांच के दौरान यह भी पता चला है कि इस घोटाले का पैसा उसकी पत्नी शिवानी सक्सेना के खातों में भी भेजा गया था. ईडी का आरोप है कि मोजर बेयर बैंक फ्रॉड मामले के मुख्य आरोपियों पुरी बाप बेटों का पैसा भी उसने विदेशों में ठिकाने लगाया था.


राजीव सक्सेना पर यह भी आरोप है कि उसने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले में दलालों के पैसे को इधर से उधर करने का काम किया था और उसने कुछ रकम भारत भी भिजवाई थी. बता दें राजीव सक्सेना को भारत लाए जाने के बाद उसे सरकारी गवाह बनाने की कवायद की गई थी लेकिन बाद में यह कवायद वापस ले ली गई थी.


यह भी ध्यान रहे की वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में आज तक जितने भी दावे ईडी या सीबीआई ने किए हैं अभी तक वह अपना एक भी दावा साबित नहीं कर पाए हैं.


मसलन इस घोटाले के तार भारत के एक बड़े राजनीतिक घराने से जोड़े गए थे, लेकिन अभी तक की जांच के दौरान सीबीआई ईडी एक भी तथ्य इस बाबत पेश नहीं कर सके हैं और ना ही जांच के लिए इस घराने के किसी शख्स को बुलाया गया है.


इसके अलावा एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के लोगों का नाम भी घोटाले से जुड़ गया था, लेकिन सालों साल चली जांच के दौरान ईडी आज तक इस घोटाले के तार किसी भी राजनीतिक पार्टी के किसी भी नेता से नहीं जोड़ पाई है. ऐसे में जांच एजेंसी की कथनी और करनी में खासा फर्क नजर आया है.