मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर से लगातार दूसरे दिन पूछताछ की. यह पूछताछ उनके और कुछ अन्य लोगों से जुड़े धन शोधन के एक मामले में की गई. इसके अलावा दिल्ली और मुंबई में कुछ और स्थानों पर छापे भी मारे गये. अधिकारियों ने बताया कि कपूर को शनिवार दोपहर में बालार्ड एस्टेट स्थित एजेंसी के कार्यालय लाया गया.
ईडी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कपूर से सात घंटे पूछताछ कर बयान दर्ज किया है. इसके अलावा और अधिक जानकारी एवं सबूत जुटाने के लिए कपूर की तीन बेटियों के दिल्ली और मुंबई स्थित परिसरों पर शनिवार को छापे भी मारे.
प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार रात वर्ली इलाके में 'समुद्र महल' परिसर में राणा के आवास की तलाशी ली थी और उससे वहां भी सख्त सवाल जवाब किए गए. अधिकारियों ने कहा कि कपूर के खिलाफ मामला घोटाले से प्रभावित डीएचएफएल से जुड़ा हुआ है, क्योंकि बैंक द्वारा कंपनी को दिया गया कर्ज कथित रूप से गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घोषित कर दिया गया है.
डीएचएफएल द्वारा एक कंपनी को 600 करोड़ रुपये का ऋण देना भी ईडी की जांच के दायरे में है. कपूर के खिलाफ पीएमएलए के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गयी है.
केंद्रीय जांच एजेंसी कुछ कारपोरेट संस्थाओं को दिए गए ऋण और कथित रूप से रिश्वत के रूप में कुछ धनराशि कपूर की पत्नी के खातों में जमा किये जाने के संबंध में राणा की भूमिका की जांच भी कर रही है.
अधिकारियों ने कहा कि अन्य कथित अनियमितताएं भी एजेंसी की जांच दायरे में हैं, जिसमें एक मामला उत्तर प्रदेश बिजली निगम में कथित पीएफ धोखाधड़ी से संबंधित है.
सीबीआई ने हाल में उत्तर प्रदेश में 2,267 करोड़ रुपये के कर्मचारी भविष्य निधि घोटाले की जांच शुरू की है, जहां बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों की मेहनत की कमाई को दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) में निवेश किया गया.
रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर तमाम अंकुश लगाते हुए बैंक के जमाकर्ताओं के लिए तीन अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है. रिजर्व बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया.
इसके साथ ही एसबीआई के पूर्व उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि एसबीआई ने यस बैंक में निवेश की इच्छा जताई है और वह बैंक की पुनर्गठन योजना में भागीदारी का इच्छुक है.
कांग्रेस का सरकार पर निशाना
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी सरकार में वित्तीय संस्थानों के ‘‘कुप्रबंधन’’ के कारण यस बैंक की स्थिति चरमराई. चिदंबरम ने मांग की कि आरबीआई इस मामले की गहन जांच करे और जवाबदेही तय करे. उन्होंने कहा कि संकटग्रस्त यस बैंक में एसबीआई द्वारा 2,450 करोड़ रुपये का निवेश करके 49 फीसदी हिस्सेदारी लेना विचित्र मामला है.
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चिदंबरम ने कहा कि यस बैंक बैंकिंग नहीं कर रहा था बल्कि नियम कायदों को ताक पर रखकर कर्ज बांटने में लगा हुआ था. उन्होंने कहा कि यस बैंक द्वारा वितरित किया गया कर्ज बैंकिंग नहीं बल्कि डकैती है, आरबीआई को जांच करनी चाहिए और जवाबदेही तय करनी चाहिए.
यस बैंक शाखाओं के बाहर ग्राहकों की भीड़
नकदी निकालने के लिए यस बैंक की एटीएम मशीनों के बाहर खाताधारकों की लंबी-लंबी कतारें शनिवार को भी देखी गयीं. लेकिन अधिकतर ग्राहकों को इन मशीनों से खाली हाथ लौटना पड़ा. रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद बैंक के ग्राहक काफी परेशानियों से गुजर रहे हैं क्योंकि इंटरनेट बैंकिंग सेवाएं भी काम नहीं कर रही हैं. जबकि कुछ की शिकायत है कि क्रेडिट कार्ड भी काम नहीं कर रहे हैं.
यस बैंक की यहां गोल मार्केट शाखा के खाताधारक ललित कुमार ने बताया, ‘‘ इंटरनेट बैंकिंग काम नहीं कर रही है. यहां तक कि क्रेडिट कार्ड भी काम नहीं कर रहे हैं. हालांकि, मुझे चेक के माध्यम से पैसे निकालने में कोई दिक्कत नहीं आयी.’’ गाजियाबाद में यस बैंक के एक एटीएम के बाहर ग्राहकों की लंबी कतार देखी गयी लेकिन एटीएम मशीनों में पैसे नहीं निकल रहे थे.