NCP नेता नवाब मलिक को बुधवार सुबह 5 बजे प्रवर्तन निदेशालय की टीम पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है. इस पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. पवार ने कहा, नवाब मलिक लगातार केंद्र सरकार और ईडी के खिलाफ बोलते हैं, इसलिए उन पर कार्रवाई की गई है. शरद पवार ने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है.
जानकारी के मुताबिक़ दाऊद मामले में ED जो इन्वेस्टिगेशन कर रही है, उसको लेकर नवाब मलिक से पूछताछ की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक नवाब मलिक को डिटेन या अरेस्ट नहीं किया गया है. नवाब मलिक को समन भेजा गया था
सूत्रों ने बताया, दाऊद इब्राहिम का भाई इक़बाल कासकर के बयान में ED को ऐसा कुछ मिला जो नवाब मलिक की ओर इशारा करता है जिसके बाद मलिक को समन भेजा गया. यह बयान किसी ज़मीन के सौदे से संबंधित बताया जा रहा है.
क्या है मामला
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम देश में हिंसा फैलाने की तैयारी कर रहा है और इसके लिए उसने एक स्पेशल यूनिट बनाई है जिसके माध्यम से वह देश के किसी बड़े नेता या व्यापारी पर जानलेवा हमला करने की तैयारी भी कर रहा था. इन जानकारी के आधार पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने दाऊद और उसके क़रीबियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
अब अगर इतनी बड़ी प्लानिंग चल रही थी तो उसके लिए बहुत से पैसे भी लगेंगे, जिसके बाद इस मामले में ED ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके करीबियों के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और इसी मामले में ED ने दाऊद के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार कर लिया है, जो फिलहाल ED कस्टडी में है.
इक़बाल कासकर और दाऊद इब्राहिम के खिलाफ ठाणे पुलिस ने एक्सटॉर्शन का मामला दर्ज किया था और इसी मामले में उसे साल 2017 में गिरफ़्तार किया था तब से ही इक़बाल कासकर जेल में है.
हाल ही में NIA ने दाऊद इब्राहिम के खिलाफ मामला दर्ज किया है. NIA को जानकारी मिली थी कि दाऊद एक अंतरराष्ट्रीय टेरर नेटवर्क चला रहा है जिसका नाम D-कंपनी दिया गया है. यूनाइटेड नेशन ने यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी रिज़ॉल्यूशन 1267 के तहत दाऊद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया है.
जानकारी के मुताबिक, दाऊद हथियारों की तस्करी, नार्को टेररिज्म, अंडरवर्ल्ड क्रिमिनल सिंडिकेट, मनी लॉन्ड्रिंग, फेक इंडियन नोट को सर्कुलेट करना और अवैध रूप से लोगों को आतंक को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग करवाने जैसे काम लश्कर- ए- तैयबा (LeT), जैश- ए- मोहम्मद (JeM), अल क़ायदा (AQ) और दूसरे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के लिए कर रहा है.
दाऊद इब्राहिम जब भारत से भाग गया था, तब उसके गलत कामों को भारत में कंट्रोल हाजी अनिस उर्फ़ अनिस इब्राहिम शेख़, शकील शेख़ उर्फ़ छोटा शकील, ज़ावेद पटेल उर्फ़ ज़ावेद चिकना, टाइगर मेमन करते हैं.
NIA ने अपनी FIR में यह भी कहा है कि दाऊद ने स्पेशल यूनिट बनाई है, जो भारत के नागरिकों में आतंक फैलाने के लिए नेता, व्यापारी और दूसरे बड़े लोगों को निशाना बना सकती है और इसके लिए विस्फोटक खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे दिल्ली, मुंबई समेत हिंसा फैल सकती है.
इन दोनों FIR के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है. ED ने कोर्ट को बताया की उनको जांच में पता चला कि इकबाल को भारत में जब डिपोर्ट किया गया तब से वो भारत में सेलिब्रिटी और व्यापारियों से पैसे वसूली करने के लिए अपने भाई की इमेज को दिखाकर डराता था.
इक़बाल कासकर अपने गुर्गों का इस्तेमाल कर दाऊद के लिए पैसों की वसूली करता था. ED के पास सबूत मिले हैं जिससे यह साबित होता है कि कासकर नियमित रूप से दाऊद के पैसों को जमा करता आया है.
जांच में यह भी पता चला है कि इक़बाल कासकर D गैंग का ख़ास सदस्य है, जो धमकी देने और वसूली करने जैसे गैरक़ानूनी काम में शामिल है. जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि इकबाल कासकर ने एक फ़्लैट और 90 लाख रुपये इस गैरक़ानूनी काम करके हासिल किए हैं.
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