नशे के कारोबार पर ED ने मारा पंजा, J&K-दिल्ली-हरियाणा-हिमाचल प्रदेश के कई ठिकानों पर मारा छापा
ED Raids over CBCS Smuggling: ED अब ये जांच कर रही है कि इस काली कमाई का इस्तेमाल कहां किया गया और इस रैकेट में कौन-कौन शामिल है. मामले में और भी कई एंगल से जांच जारी है.

ED Raids over CBCS Smuggling: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 13 फरवरी, 2025 को बड़ी कार्रवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में कोडीन बेस्ड कफ सिरप (CBCS) की तस्करी से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की. ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के तहत की गई.
मामला रईस अहमद भट और अन्य लोगों से जुड़ा है, जो नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं की अवैध बिक्री और तस्करी से करोड़ों की काली कमाई कर रहे थे. ED ने ये जांच NCB जम्मू की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. जांच में सामने आया कि विदित हेल्थकेयर, सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) से "Cocrex" ब्रांड की कोडीन सिरप खरीदी जाती थी. इसे एन.के. फार्मास्युटिकल्स, कंसल फार्मास्युटिकल्स, एस.एस. इंडस्ट्रीज जैसी फर्जी कंपनियों के जरिए बाजार में बेचा जाता था.
20 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान
इस गोरखधंधे को निकेत कंसल, जोकि दिल्ली का रहने वाला है, गर्व भाम्भरी और सुमेश सरीन फरीदाबाद के रहने वाले मिलकर चला रहे थे. 2019 से 2025 के बीच इन कंपनियों ने विदित हेल्थकेयर से 55 लाख बोतलें खरीदीं और इसके बदले 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया. ये सिरप नशेड़ियों को बेची गई, जिससे भारी मात्रा में काला धन बनाया गया. ED की छापेमारी में 40.62 लाख रुपये नकद, 1.61 करोड़ रुपये की ज्वेलरी और कई जरूरी दस्तावेज बरामद किए गए.
कौन-कौन शामिल, इसकी हो रही जांच
इस दौरान गर्व भाम्भरी और ममता कंसल (निकेत कंसल की मां) को भी ट्रेस किया गया, जो एनसीबी के मामले में फरार थे. ED ने उनकी जानकारी एनसीबी को दे दी है. ED अब ये जांच कर रही है कि इस काली कमाई का इस्तेमाल कहां किया गया और इस रैकेट में कौन-कौन शामिल है. जांच अभी जारी है.
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