Bank Fraud Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार (18 जुलाई) को 1392 करोड़ रुपये के बैंक घोटाला मामले में देश की राजधानी दिल्ली समेत पांच शहरों में छापेमारी की है. ईडी की टीम ने दिल्ली, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, बहादुरगढ़ और जमशेदपुर में 15 लोकेशन पर रेड मारी है. बैंक घोटाले में ये छापेमारी महेंद्रगढ़ के विधायक रावदान सिंह और उनके परिवार व अन्य लोगों के खिलाफ की जा रही है. इस बैंक धोखाधड़ी की जांच का जिम्मा ईडी के साथ-साथ सीबीआई को भी सौंपा गया है. 


दरअसल, मेसर्स अलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी है, जोकि विधायक रावदान सिंह और उनके परिवार से जुड़ी हुई है. उसके जरिये 1392 करोड़ रुपये का लोन लिया गया, जिसे कभी वापस नहीं लौटाया गया. सीबीआई ने इस मामले में कंपनी और उसके प्रमोटर्स मोहिंदर अग्रवाल और गौरव अग्रवाल समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था. बाद में ईडी ने इस मामले में अलग से प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी.


लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं रावदान सिंह


ईडी की टीम महेंद्रगढ़ के विधायक रावदान सिंह के आवास पर सुबह-सुबह छापेमारी के लिए पहुंची. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों को भी ईडी की टीम के साथ देखा गया. रावदान सिंह को भूपेंद्र सिंह हुड्डाका करीबी माना जाता है. कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान भिवानी सीट से टिकट भी दिया था, लेकिन उन्हें बीजेपी के उम्मीदवार धर्मवीर सिंह के हाथों हार मिली. उनको टिकट दिए जाने को लेकर कांग्रेस में काफी ज्यादा विवाद भी हुआ था. रावदान सिंह हरियाणा के बड़े शिक्षा संस्थान के मालिक भी हैं. 


हरियाणा चुनाव में बैंक धोखाधड़ी बन सकता है मुद्दा


हरियाणा में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए सभी दलों ने कमर कसना शुरू कर दिया है. इस बार मुकाबले में कांग्रेस मजबूत नजर आ रही है, लेकिन विधायक रावदान सिंह के जरिए किए गए बैंक धोखाधड़ी का मुद्दा गरमा सकता है. बीजेपी इस मुद्दे को पूरी तरह से भुनाने की कोशिश करेगी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर कांग्रेस को घेरने का प्रयास करेगी. ऊपर से लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी महेंद्रगढ़ सीट से रावदान सिंह की दावेदारी मजबूत ही नजर आ रही है. 


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