Who is Shahjahan Sheikh: पश्चिम बंगाल में राशन घोटाले की जांच करने पहुंची प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की टीम पर हमला करने के कथित मास्टरमाइंड टीएमसी (TMC) नेता शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) का सूबे में बड़ा रसूख और खौफ बना हुआ है. शेख का मछली पालन वाली बेल्ट में पूरा दबदबा है.
उनकी पकड़ स्थानीय लोगों में भी इतनी जबर्दस्त है कि जब ईडी की टीम उनके आवास पर छापेमारी करने पहुंची थी तो उनके समर्थक उग्र व हिंसक हो गए और 3 अधिकारियों को घायल भी कर दिया और कई वाहनों को नुकसान भी पहुंचाया. इस हमले की बीजेपी के साथ-साथ इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस के साथ अन्य राजनीतिक दलों ने भी कड़ी आलोचना की है.
बीजेपी ने बताया संघीय ढांचे पर सीधा हमला
उधर, राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इन सभी आरोपों का खंडन करते हुए ईडी अधिकारियों पर स्थानीय लोगों को भड़काने के आरोप भी लगाये हैं. बीजेपी ने टीएमसी के इस दबंग नेता के कथित हमले को 'संघीय ढांचे पर सीधा हमला' बताया है. इतना ही नहीं, कांग्रेस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर डाली है.
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Ananda Bose) ने कहा कि राज्य सरकार की ड्यूटी 'बर्बरता' को खत्म करना है. वहीं, उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि पश्चिम बंगाल 'बनाना रिपब्लिक' नहीं है.
शाहजहां शेख टीएमसी की संदेशखली यूनिट के अध्यक्ष हैं. उनका राजनीतिक रसूख उस समय बढ़ गया जब पिछले साल जिला परिषद की सीट पर जीत हासिल की.
कौन हैं शाहजहां शेख?
- शाहजहां शेख की उम्र 42 साल है और अपनी दबंगई नेतागिरी के चलते लोगों के बीच में 'भाई' के नाम से मशहूर हैं. पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना, बंग्लादेश बॉर्डर के नजदीक के मूल निवासी शेख ने एक छोटे से मछुआरे के रूप में अपना काम शुरू किया था.
- संदेशखली में मछली पालन और ईंट भट्टों में एक वर्कर के रूप में शुरुआत करने वाले शाहजहां शेख चार भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं.
- मत्स्य पालन और ईंट भट्टों के कारोबार के बढ़ने के साथ वह 2004 यूनियन नेता बन गये और राजनीतिक जान पहचान बढ़ने के साथ ताकत भी बढ़ गई. शाहजहां मौजूदा समय में संदेशखली से जिला परिषद सदस्य भी हैं.
- मौजूदा टीएमसी नेता शेख की राजनीतिक शुरुआत साल 2006 में वामपंथी शासन में हुई थी जब वो सीपीआई (एम) में शामिल हुए. सीपीआई एम के कद्दावर नेता एम शेख के खास सहयोगी बनने के बाद उनका राजनीति ओहदा बढ़ गया.
- अवैध वसूली और अनैतिक एक्टिविटीज के बावजूद राजनीतिक रसूखदारी के चलते आरोपों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.
- शाहजहां शेख, तत्कालीन टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रियो मल्लिक के नेतृत्व में 2012 में पार्टी में शामिल हुए थे. पूर्व वन मंत्री ज्योतिप्रियो मल्लिक राशन घोटाले मामले में ईडी की हिरासत में हैं. उनको मल्लिक का बेहद करीबी माना जाता है. इसके चलते ही ईडी की टीम आवास पर छापेमारी के लिए पहुंची थी.
- ज्योतिप्रियों मल्लिक को गत 23 अक्टूबर, 2023 को ईडी ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद ईडी मामले की जांच कर रही है और उनके करीबियों के यहां छापेमारी भी कर रही है.
- बांग्लादेश बॉर्डर से सटे 24 परगना जिला से ताल्लुक रखने वाले शाहजहां शेख को अपने उग्र भाषणों के लिए जाना जाता है. अपने समर्थकों के बीच उनकी छवि रॉबिनहुड और बेताज बादशाह के रूप में भी बनी हुई. कुछ लोग उनको गरीबों का मसीहा भी मानते हैं.
- शेख के छोटे भाई भी तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हैं और वह भी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं जो भूमि सौदे से जुड़े मामलों के अलावा दूसरे बिजनेस के प्रबंधन का काम संभालते हैं.
- ऐसा दावा किया जाता है कि आपराधिक मामलों में शामिल होने के बावजूद भी उनकी अहम भूमिका बाल तस्करी को रोकने में निभाने के रूप में भी देखी जाती है. उनके प्रयासों से 2019 में सरबेरिया अग्रघाटी ग्राम पंचायत को 'बाल-मैत्रीपूर्ण ग्राम पंचायत' की मान्यता हासिल हो सकी. शेख की पहचान झगड़ों, पारिवारिक विवादों और जमीन से जुड़े तमाम तरह के झगड़ों को निपटाने और उनका समाधान कराने वाले नेता के रूप में बनी हुई है.
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