ED Raid: चीनी कंपनियों के खिलाफ ईडी का एक्शन, HPZ से जुड़ी कंपनियों और पेंट गेटवे पर की रेड, करोड़ों रुपये सीज
Mobile Loan App: HPZ Token मोबाइल आधारित लोन एप्प है जो बिटकॉइन बनाने वाली माइनिंग मशीन में इन्वेस्ट के नाम पर बड़े मुनाफे का लालच दे लोगों को ठग रही थी. कंपनी का दावा था कि रकम दोगुनी हो जाएगी.
Instant Loan Apps: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एप्प बेस टोकन कंपनी HPZ से जुड़ी कंपनियों और पेमेंट गेटवे के साथ-साथ बैंक की ब्रांच पर रेड (Raid) की है. ईडी ने ये छापेमारी दिल्ली, गुरुग्राम, मुम्बई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, जोधपुर और बंगलोर के ठिकानों पर की. दरअसल, इस एप्प का नाम है HPZ जोकि टोकन आधारित एक एप (Token Base App) है. ईडी ने इस मामले में PMLA के तहत कार्रवाई की है.
ईडी के मुताबिक, HPZ एक एप्प बेस टोकन कंपनी है जिसके जरिये निवेशकों को बिटकॉइन माइनिंग मशीन और क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाने पर बड़े मुनाफे का वादा किया जाता था. ये कंपनी निवेशक को पैसा डबल होने का लालच देते थे और अपने HPZ एप्प के टोकन में पैसा लगवाते थे. पैसा यूपीआई और दूसरे पेमेंट गेटवे के जरिये लिया जाता था. जिसमें से कुछ अमाउंट निवेशक को वापस भेज दिया जाता था और बाकी पैसा कुछ कंपनी के एकाउंट और दूसरे गेट वे के जरिये ट्रांसफर कर दिया जाता था. जिसे डिजिटल और वर्चुअल करेंसी में इन्वेस्ट कर दिया जाता. बाद में ये जालसाज निवेशकों को पैसा देना बंद करके अपनी वेबसाइट को बंद कर देते थे.
चीन कंपनियों में लगवाते थे पैसा
ईडी को जांच के दौरान पता चला कि HPZ टोकन मेसर्स, लिल्लीऑन टेक्नोकैब प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स, शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड चला रहे थे जो चाइना से कंट्रोल हो रही कंपनी से जुड़े हुए थे. जांच में ये भी पता चला कि ये दूसरी कंपनियां जनता से उनका पैसा अलग-अलग एप्प, गेमिंग वेबसाइट, लोन वेबसाइट में भी लगवाया करती थीं.
खातों में मिली बड़ी रकम, किया फ्रीज
ईडी (ED) को शक है कि गुरुग्राम (Gurugram) की जिलियन कंसल्टेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटिड इन सभी फ्रॉड के पीछे है. सर्च के दौरान ईडी ने कई कागज़ात जब्त किए हैं. साथ ही इन कंपनियों के वर्चुअल एकाउंट में भी बड़ी रकम का पता लगा है. ईडी के मुताबिक, पुणे बेस कंपनी (Pune Base Company) इसबज़ प्राइवेट लिमिटेड के पास से करीब 33.36 करोड़ रुपये, रेज़ोरप्रे सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के पास से 8.21 करोड़, कैश फ्री पेमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के पास से 1.28 करोड औऱ पेटीएम पेमेन्ट सर्विसेज लिमिटेड के पास से 1.11 करोड़ रुपये का अलग-अलग बैंक एकाउंट और वर्चुअल एकाउंट में होने का पता चला है. जिसे फ्रीज़ कर दिया गया है.
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