Mumbai Covid Scam: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी की. इस छापेमारी में जिन लोगों के ठिकानों पर रेड हुई उनमें उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना के करीबी लोग शामिल थे. छापेमारी उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के करीबी सूरज चव्हाण के अलावा कई जगहों पर की गई. उनके अलावा युवा सेना (ठाकरे) की कोर समिति के सदस्य सूरज चव्हाण के आवास पर भी बीती रात करीब साढ़े 16 घंटे तक छापेमारी चलती रही. छापेमारी के बाद देर रात ईडी की टीम उनके घरों से निकली. हालांकि इस रेड में ED की टीम को क्या मिला इस बारे में आधिकारिक जानकारी सामने आना अभी बाकी है.
संजय राउत के करीबी के घर छापेमारी
दरअसल कोविड के दौरान लाइफलाइन कंपनी के अन्तर्गत कथित घोटाला सामने आया था, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप लगे थे. इस मामले में ED ने मामला दर्ज किया था, जिसके बाद 21 जून को मुंबई के कई इलाकों में रेड की गई. इस मामले में उद्योगपति सुजीत पाटकर का नाम भी शामिल है. जो शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के करीबी माने जाते हैं.
बीएमसी टेंडर हासिल करने का मामला
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कथित अस्पताल प्रबंधन ठेका घोटाले के सिलसिले में युवा सेना (ठाकरे) की कोर समिति के सदस्य सूरज चव्हाण के आवास और बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के कुछ अधिकारियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी संजीव जायसवाल सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर ये छापेमारी की जा रही थी. पाटकर और उनके तीन पार्टनर्स पर आरोप है कि उन्होंने महामारी के दौरान कोविड-19 क्षेत्र अस्पतालों के प्रबंधन के लिए फर्जी तरीके से बीएमसी के ठेके हासिल किए थे.
उद्धव गुट ने छापेमारी पर उठाए सवाल
ईडी की टीम ने पाटकर, जायसवाल और चव्हाण के सांताक्रूज, बांद्रा और चेंबूर स्थित आवासों पर छापे मारे. ईडी के अधिकारी कई घंटों तक बांद्रा में जायसवाल के आवास पर रहे. शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता सचिन अहीर ने छापों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सवाल उठाया कि क्या राजनीतिक प्रतिशोध की मंशा है. मुंबई पुलिस ने लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज कंपनी, पाटकर और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ पिछले साल अगस्त में जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था. अधिकारी ने कहा कि दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू से जांच के लिए मामला दर्ज किया था.
(इनपुट- भाषा से भी)