Bank Fraud: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मालेगांव में बैंक खातों के दुरुपयोग से जुड़े बड़े घोटाले की जांच के तहत अहमदाबाद और मुंबई के सात ठिकानों पर छापेमारी की. जानकारी के अनुसार इस कार्रवाई में ईडी ने 13 करोड़ 50 लाख रुपये नकद जब्त किए. बता दें कि यह घोटाला नासिक मर्चेंट को-ऑपरेटिव बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के फर्जी खातों से जुड़ा हुआ है जिसमें बड़ी मात्रा में धन का हेरफेर किया गया था.


ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि नासिक मर्चेंट को-ऑपरेटिव बैंक में 14 नए खाते खोले गए जिनमें 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जमा की गई. इसी तरह बैंक ऑफ महाराष्ट्र की नासिक शाखा में भी पांच ऐसे ही फर्जी खाते पाए गए. इन खातों का इस्तेमाल कर बड़ी रकम की हेराफेरी और धोखाधड़ी की गई.


निर्दोष व्यक्तियों के डॉक्यूमेंट्स का किया दुरुपयोग


जांच में सिराज अहमद मोहम्मद हारुन मेमन और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने निर्दोष व्यक्तियों के पहचान दस्तावेजों का दुरुपयोग कर ये फर्जी खाते खोले. इन डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल कर उन्होंने बैंकिंग प्रणाली में सेंध लगाई और बड़ी मात्रा में धन को अपने नियंत्रण में लिया.


घोटाले की जांच जारी


ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की यह कार्रवाई बैंकिंग घोटाले के बढ़ते मामलों के खिलाफ एक कड़ा और स्पष्ट संदेश देती है. अधिकारियों का कहना है कि इस घोटाले में शामिल बाकी व्यक्तियों और संगठनों की जांच अभी भी जारी है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए. यह मामला न केवल वित्तीय सुरक्षा से जुड़ा है बल्कि यह आम नागरिकों के डेटा और पहचान की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है.


नागरिकों की निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल, वित्तीय धोखाधड़ी और बैंकों के माध्यम से की जाने वाली अनियमितताएं समाज के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं. ऐसे में इस प्रकार की जांच और कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि देश की वित्तीय प्रणाली और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है.


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