मुंबईः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के परिसरों में तलाशी ली. उनके राजनीतिक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने इस कार्रवाई की आलोचना की, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि जांच बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक की जा रही है और उसने इस कार्रवाई के पीछे कोई राजनीतिक मकसद होने के आरोपों को खारिज कर दिया.
वहीं, देशमुख ने कहा कि उन्होंने ईडी के अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग किया जो उनके खिलाफ धनशोधन जांच के तहत उनके परिसरों की तलाशी के दौरान उनसे मिले. देशमुख ने उम्मीद जतायी कि सच्चाई सामने आएगी. अधिकारियों ने बताया कि पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी के आरोपों पर धन शोधन जांच के तहत ईडी ने देशमुख के नागपुर और उनके सहयोगियों के मुंबई स्थित परिसरों में तलाशी ली.
उन्होंने बताया कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापे मारे गए. देशमुख के नागपुर में जीपीओ चौक स्थित आवास और उनके निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे के मुंबई स्थित परिसरों की तलाशी ली गई. सूत्रों ने बताया कि पलांडे को पूछताछ के लिए दोपहर में मुंबई स्थित ईडी कार्यालय लाया गया.
परमबीर सिंह ने लगाए झूठे आरोपः देशमुख
देशमुख ने मुंबई में कहा कि वह भविष्य में भी जांच एजेंसियों के साथ सहयोग जारी रखेंगे. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सच्चाई सामने आएगी. देशमुख ने दावा किया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मार्च में पद से हटाए जाने के बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार के झूठे आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा, 'सिंह को मुकेश अंबानी के आवास के बाहर वह एसयूवी खड़ी किए जाने में उनकी संदिग्ध भूमिका के कारण पद से हटा दिया गया था, जिसमें विस्फोटक मिले थे. मामले में गिरफ्तार किए गए सीआईयू (अपराध खुफिया इकाई) के सभी पांच पुलिस अधिकारी सीधे परमबीर सिंह को रिपोर्ट करते थे. एनआईए मामले की जांच कर रही है.'
जांच में करूंगा सहयोग
देशमुख ने कहा, 'सिंह को जब पद से हटा दिया गया तो उन्होंने मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाए थे. सीबीआई मामले की जांच कर रही है और मैं सहयोग करूंगा.' देशमुख ने गत अप्रैल में राज्य मंत्रिमंडल से तब इस्तीफा दे दिया था जब बॉम्बे हाईकोर्ट ने 71 वर्षीय नेता के खिलाफ परमबीर सिंह की ओर से लगाए गए 100 करोड़ रुपये के रिश्वत के लेनदेन के आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद पिछले महीने देशमुख और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था. सूत्रों ने बताया कि जब ईडी की तलाशी जारी थी तब देशमुख मध्य मुंबई के वर्ली स्थित सुखदा भवन स्थित अपने फ्लैट में पहुंचे.
देशमुख को परेशान करने की कोशिश
NCP ने कहा कि देशमुख के खिलाफ अब तक कुछ भी सामने नहीं आया है और हताशा में देशमुख को परेशान करने की कोशिश की जा रही है क्योंकि उनके और उनके परिवार के खिलाफ जांच में कुछ भी खुलासा नहीं हो पाया है. NCP प्रमुख शरद पवार ने पुणे में कहा, 'ये सभी चीजें हमारे लिए नई नहीं हैं. अनिल देशमुख (ऐसी कार्रवाई का सामना करने वाले) पहले नहीं हैं. सत्ता में रहने वालों ने सत्ता के इस्तेमाल का एक नया चलन दिखाया है. अब उस मुद्दे पर बात करने की अब जरूरत नहीं है. हम इसके बारे में बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं.'
हाईकोर्ट के आदेश के तहत हो रही जांच
BJP नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि देशमुख के खिलाफ जांच हाईकोर्ट के आदेश के तहत हो रही है और राज्य के पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताना गलत है. अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने धनशोधन के मामले में देशमुख की मुंबई और नागपुर स्थित ठिकानों की शुक्रवार को तलाशी ली. केंद्रीय एजेंसी ने सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद देशमुख और अन्य के खिलाफ पिछले महीने धनशोधन निरोधी कानूनी के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर हवाई अड्डे पर कहा, 'ये सभी जांच हाईकोर्ट के निर्देश पर हो रही हैं. उनमें राजनीतिक कारण तलाशने की कोई वजह नहीं है. हम मानते हैं कि एजेंसिया हाईकोर्ट के निर्देश पर काम कर रही हैं.' NCP सांसद सुप्रिया सुले द्वारा ईडी की तलाशी को आपातकाल के हालात जैसे करार दिए जाने वाले बयान पर फडणवीस ने कहा, 'उन्होंने वर्ष 1975-77 के दौर का अनुभव नहीं किया है, जिसकी पहचान प्रेस पर सेंसरशिप और नागरिक अधिकारों को निलंबित करने से है.'
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने कहा, 'सुप्रिया सुले ने आपातकाल को नहीं देखा है क्योंकि उस समय वह बच्ची थीं. यहां तक उस समय मैं भी बच्चा था. उन्होंने आपातकाल का अनुभव नहीं किया है. लेकिन हमने आपातकाल का अनुभव किया है. मेरे पिता बिना किसी मुकदमे के 21 महीने तक जेल में रहे. उनकी तरह लाखों लोग थे. जॉर्ज फर्नांडिज (समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री) को बर्फ की सिल्लियों पर सोने को मजबूर किया गया. आप आपातकाल के बारे में क्या जानती हैं? हाईकोर्ट के जरिए निर्देशित जांच को आपातकाल से जोड़ना गलत है.'
इसे भी पढ़ेंः
बंद हुई स्थाई प्रेसिडेंशियल सेलून की परंपरा, राष्ट्रपति जब भी रेल यात्रा करेंगे उनके लिए तैयार कर दी जाएगी विशेष रेल