MUDA Case: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में ED ने कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी की. इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ मामला किया गया है. 


जानकारी के अनुसार, ED ने  मैसूर में MUDA कार्यालय और कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान एजेंसी के अधिकारियों के साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बल भी था. 


ED ने दायर की थी प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट


कुछ सप्ताह पहले ही ED ने सीएम और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दायर की थी. जिसके बाद लोकायुक्त द्वारा दर्ज की गई एफआईआर का संज्ञान लिया गया था. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर  MUDA द्वारा अपनी पत्नी को 14 साइटों के आवंटन में अनियमितताओं के आरोप हैं.


जानें क्या है पूरा मामला


साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी. इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50/50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई.


MUDA पर आरोप है कि उसने 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले मैसुरु के एक पॉश इलाके में 14 साइट्स आवंटित की. इन साइट्स की कीमत पार्वती की जमीन की तुलना में बहुत ज्यादा थी. हालांकि, इस 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था. ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी. MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था.


27 सितंबर को मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस ने सिद्धारमैया, उनकी पत्नी बी एम पार्वती, उनकी पत्नी के भाई मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी.