Land Scam Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड में कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले के गवाहों को प्रभावित करने और सबूत मिटाने की 'साजिश' रचे जाने की सूचना के आधार पर शुक्रवार (3 अक्टूबर) को बिरसा मुंडा जेल पर छापा मारा. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.


यह सूचना मिलने के बाद अधिकारियों ने मारा छापा


धनशोधन मामले में ईडी की ओर से गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत के तहत जेल में रखा गया है. सूत्रों ने कहा कि कुछ गिरफ्तार स्थानीय बाहुबलियों की ओर से गवाहों को प्रभावित करने, ईडी अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने और सबूतों से छेड़छाड़ करने या नष्ट करने की 'साजिश' रचे जाने की जानकारी मिलने के बाद एजेंसी के अधिकारियों ने जेल के कर्मचारियों के साथ छापेमारी शुरू की.


गिरफ्तार आरोपियों में आईएएस अधिकारी भी शामिल


एजेंसी ने इस मामले में लगभग 14-15 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 2011-बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो पहले राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे. जांच ईडी के इस आरोप से संबंधित है कि 'झारखंड में माफिया की ओर से भूमि के स्वामित्व को अवैध रूप से बदलने का एक बड़ा रैकेट चल रहा था.'


बालू घोटाले को लेकर ईडी की रेड


बता दें कि कई मामलों को लेकर झारखंड में ईडी एक्शन मोड में है. बिहार के औरंगाबाद के बालू घोटाले को लेकर भी ईडी ने झारखंड के धनबाद में छापेमारी की. ईडी ने गुरुवार (2 नवंबर) को मामले से जुड़े सुरेंद्र जिंदल और मिथिलेश सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी. सूत्रों के मुताबिक, मिशिलेश सिंह ईडी की हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है.


मामला 400 करोड़ रुपये के बालू घोटाले का है. मामले में बालू सिंडिकेट से जुड़े धनबाद निवासी जगनारायण सिंह उर्फ जगन सिंह और उनके बेटे जेल में बंद हैं. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने जून में रांची और धनबाद समेत 23 ठिकानों पर छापे मारे थे. 


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