तेलंगाना में 200 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में ED की सात जगहों पर छापेमारी
ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के जरिए इस मामले में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे.
नई दिल्ली: तेलंगाना के इंश्योरेंस मेडिकल सर्विस और राज्य कर्मचारी बीमा विभाग में हुए लगभग 200 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आज हैदराबाद में सात जगहों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान लगभग 3 करोड़ रुपये की नगदी, लगभग 1 करोड़ रुपये की ज्वैलरी, ब्लैंक चेक, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और बैंकों के अनेक लॉकर्स की जानकारी मिली है. यह छापेमारी एक पूर्व मंत्री के रिश्तेदारों और उनके निजी सहायक रह चुके शख्स के यहां भी हुई.
ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के जरिए इस मामले में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे. इन मुकदमों में आरोप था कि बड़े पैमाने पर दवाइयों की खरीदारी मे हेराफेरी की गई. जानबूझकर ज्यादा दामों पर दवाइयां खरीदी गई और नकली बिल बनाए गए.
फर्जी दस्तावेज
यह भी आरोप लगा कि साजिशकर्ता ने तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर फर्जी दस्तावेज बनाए और खरीदारी की. इसके तहत अनुमान लगाया गया कि यह घोटाला 100 से 200 करोड़ रुपये के बीच का हो सकता है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया और आज सात जगहों पर छापेमारी की गई.
ईडी अधिकारी के मुताबिक जिन लोगों के यहां छापेमारी की गई उनमें मेडिकल इंश्योरेंस सर्विस की डायरेक्टर देविका रानी उनके पति श्री हरी बाबू उर्फ बाबाजी, मुकुंडा रेड्डी, बी प्रमोद रेड्डी, एम विनय रेड्डी सहित कुछ मेडिकल संस्थानों के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई.
इतने रुपये बरामद
ईडी का दावा है कि इस छापेमारी के दौरान वी श्रीनिवास रेड्डी के यहां से डेढ़ करोड़ रुपये, बी प्रमोद रेड्डी के यहां से 1 करोड़ 15 लाख रुपये और एम विनय रेड्डी के यहां से 45 लाख रुपये बरामद हुए. ईडी का दावा है कि छापेमारी के दौरान अनेक अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनसे इस घोटाले के बारे में महत्वपूर्ण सबूत मिल सकते हैं.
साथ ही छापेमारी के दौरान अनेक प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनकी जांच की जा रही है कि यह जायदाद किसने कब और कैसे खरीदी. ईडी का कहना है कि जिन लोगों के छापेमारी की गई उनमें एक पूर्व श्रम मंत्री के रिश्तेदार और उनका निजी सहायक भी शामिल है.
छापेमारी के दौरान जिन बैंक लॉकर्स का पता चला है उन्हें भी खोला जाना बाकी है. ईडी को उम्मीद है कि इन बैंक लॉकर से भी नगदी-जेवरात के अलावा अहम सबूत बरामद हो सकते हैं. साथ ही छापेमारी के दौरान ईडी ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी अपने कब्जे में लिए हैं, जिनकी जांच जारी है.