नई दिल्ली: पत्रकार उपेन्द्र राय और उसके सहयोगियों के खिलाफ ईडी ने मनी लांड्रिग का केस दर्ज किया है. उपेन्द्र राय और उसके सहयोगियों पर ईडी ने छापेमारी भी की है. दिल्ली में उपेन्द्र राय के ग्रेटर कैलाश और नोएडा के जलवायु विहार के घरों पर छापा मारा है. उपेंद्र राय पर धोखाधडी और ब्लैकमेलिंग के जरिए धन उगाही का आरोप है. आरोप है कि शैल कंपनियो के जरिए उपेंद्र राय के खातों में करोडों रुपये आए.


उपेंद्र राय पर क्या आरोप हैं?
सीबीआई के मुताबिक उपेन्द्र राय और उसके सहयोगियों के आठ ठिकानों पर दिल्ली मुंबई और लखनऊ में छापेमारी की थी. उपेन्द्र राय पर आरोप है कि उन्होंने एयरवन एयरलांइस में खुद को क्वालिटी कंट्रोल का डायरेक्टर बता कर देश के सभी एयरपोर्टों में घुसने के लिए सुरक्षा पास बनवा लिया था जबकि उनके पास ऐसी कोई योग्यता नहीं थी इसके अलावा उनका नाम डीजीसीए ने भी एप्रूव्व नहीं किया था.


उपेन्द्र राय पर आरोप है कि उन्होंने पीआईबी से अपने पत्रकार होने का पास लेते समय भी धोखाधड़ी की और पीआईबी को यह नहीं बताया कि वो एयर वन में बतौर क्ववालिटी कंट्रोल निदेशक हैं. पीआईबी ने भी उपेन्द्र राय का नाम अपनी वेबसाइट से हटा दिया है.


राय पर आरोप है कि शैल कंपनियों के जरिए उनके पास करोड़ों रुपये आए और इनमें सहारा कंपनी से भी 18 करोड़ रुपये आने का जिक्र है. सीबीआई ने उपेन्द्र राय और उनके दो सहयोगियों से आज दिन भर पूछताछ की और देर शाम उपेन्द्र राय को गिरफ्तार कर लिया गया.


सीबीआई के मुताबिक उपेन्द्र राय के यहां से मिली मनी ट्रेल की जानकारी को अन्य जांच एजेंसियो ईडी और आयकर विभाग के साथ भी साझा किया जा रहा है ऐसे मे संभव है कि आने वाले दिनों में उपेन्द्र पर अन्य जांच एजेंसियों का शिकंजा भी कस सकता है.


आरोपों को खारिज करते रहा है उपेंद्र राय
उपेंद्र राय का दावा है कि इस मामले में उन्हें फंसाया गया है क्योंकि वह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह के बारे में लिखते रहे हैं. राजेश्वर सिंह बहुचर्चित टू जी स्पेक्ट्रम आबंटन मामले की जांच करने वाले दल के सदस्य थे.