नई दिल्ली: बिहार में लालू परिवार पर एक और संकट गहराया है. आईआरसीटीसी के रांची और पुरी के होटलों को लीज़ पर देने के मामले में लालू, राबड़ी और तेजस्वी समेत कई लोगों पर केस दर्ज किया है.


लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटल ऐसी प्राइवेट कंपनी को लीज पर दिए जो कहीं न कहीं उनसे जुड़ी हुई थी. लीज पर देने के बाद लालू के परिवार को पटना में तीन एकड़ जमीन कौड़ी के भाव मिली. जबकि इस जमीन की कीमत 32 करोड़ थी. होटल लीज पर लेने वालों ने 65 लाख का शगुन लेकर लालू परिवार को भूदान कर दिया.


लालू जब यूपीए वन में रेल मंत्री थे जब रेलवे को फायदे की रेल बनाने का श्रेय लालू को मिला था. लालू खुद भी अपनी पीठ ठोंकने में कभी संकोच नहीं करते थे. लालू के मैनेजमेंट फंडे इतने चल निकले कि लालू मैनेजमेंट की केस स्टडी बन गए.


उसी समय रेलवे के दो हेरिटेज होटलों का खेल हुआ था. 2005 तक आईआरसीटीसी के पास दोनों होटल होते थे. लालू के रेल मंत्री रहते हुए पुरी और रांची के बीएनआर होटल यानी बंगाल नागपुर रेलवे के दोनों होटल मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दिया गया.


सीबीआई का आरोप है कि सुजाता होटल कंपनी को होटल की लीज देने में नियमों की अनदेखी हुई. जिन शर्तों पर टेंडर निकाले गए थे उनकी शर्तों को कोचर की कंपनी पूरी नहीं करते थी. सुजाता होटल विनय और विजय कोचर की कंपनी है. विनय कोचर पटना के चाणक्य होटल के मालिक हैं.


सुजाता होटल को होटल लीज पर मिलने के बाद डिलाइट मार्केटिंग नाम की कंपनी को पटना में तीन एकड़ जमीन मिली. पटना के चाणक्य होटल के मालिक विनय कोचर ने 1 करोड़ 47 लाख में बेची दी जबकि जमीन की कीमत करीब 2 करोड़ थी.


यहीं से राजनीतिक गोलमाल का खुलासा हुआ. पटना में 3 एकड़ जमीन पाने वाली डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लालू की पार्टी के सांसद प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की है. सीबीआई की नजर में सरला गुप्ता के नाम वाली कंपनी लालू की बेनामी संपत्ति है.


इसके बाद डिलाइट मार्केटिंग के शेयर 2014 में लारा प्रोजेक्ट नाम की कंपनी में ट्रांसफर हो गए. लारा प्रोजेक्ट में राबड़ी देवी और बेटा तेजस्वी डायरेक्टर हैं. तब तक 3 एकड़ वाली जमीन 32 करोड़ की हो चुकी थी. लेकिन डिलाइट ने सिर्फ 65 लाख लेकर 32 करोड़ का भूदान लालू परिवार को दे दिया.


तीन एकड़ की उसी जमीन पर पटना में बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा है जिसके बारे में लालू ये बात स्वीकार कर चुके हैं कि मॉल उनका ही है. छापेमारी के बाद लालू कहते हैं कि होटलों को लीज पर देने का मामला उनके मंत्री बनने से पहले एनडीएन के जमाने में ही तय हो चुका था.