ED Action in Delhi Excise Policy Case: दिल्ली की 2021-22 की आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार (7 अक्टूबर) को दिल्ली (Delhi), पंजाब (Punjab) और हैदराबाद (Hyderabad) की करीब 3 दर्जन जगहों पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. दिल्ली के जोर बाग के एक शराब वितरक और इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू की गिरफ्तारी की बाद से छापेमारी की जा रही थी. समीर महेंद्रू को सीबीआई (CBI) ने गिरफ्तार किया है.


कथित आबकारी घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्णा, उपायुक्त आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त पंकज भटनागर आरोपी हैं. इससे अलावा भी आरोपियों की लंबी लंबी लिस्ट है. मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई और ईडी दोनों ने मामला दर्ज किया है. 


ईडी-सीबीआई ने का आरोप


मामले को लेकर ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं बरती गई, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था, लाइसेंस फीस माफ या कम किया गई और एल -1 लाइसेंस को सक्षम प्राधिकारी के बिना बढ़ाने की मंजूरी दी गई थी. बताया जा रहा है कि दिल्ली के शराब नीति घोटाले से जुड़े धन संशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम 35 जगहों पर तलाशी अभियान चला रही है. 


दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने उठाया कार्रवाई पर सवाल


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाया है. सीएम केजरीवाल ने लिखा, ''500 से ज्यादा रेड, 3 महीनों से सीबीआई और ईडी के 300 से ज्यादा अधिकारी 24 घंटे लगे हुए हैं- एक मनीष सिसोदिया के खिलाफ सबूत ढूंढने के लिए. कुछ नहीं मिल रहा क्योंकि कुछ किया ही नहीं. अपनी गंदी राजनीति के लिए इतने अधिकारियों का समय बर्बाद किया जा रहा है. ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?''



करीब एक महीने में तीसरे बार ईडी का एक्शन


ईडी ने पिछले 16 सितंबर को 6 राज्यों के 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इससे पहले 6 सितंबर को भी कई राज्यों के ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे थे. वहीं, मामले के एक आरोपी और आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन रणनीतिकार विजय नायर को दिल्ली का राउज एवेन्यू कोर्ट 20 अक्टूबर तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज चुका है.


क्या है मामला?


केजरीवाल सरकार की ओर से बनाई गई 2021-22 की शराब नीति में कथित घोटाले की एक रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. 8 जुलाई को यह रिपोर्ट एलजी को दी गई थी. रिपोर्ट में उठाए गए सवालों में सबसे बड़ा आरोप यह लगाया गया था कि शराब ठेकेदारों की लाइसेंस फीस माफ करने से दिल्ली सरकार को करीब 144 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और मनीष सिसोदिया ने आबकारी मंत्री के तौर पर प्रावधानों को अनदेखा किया. 


एलजी की सिफारिश के बाद मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की. सीबीआई ने आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया के घर और बैंक लॉकर की तलाशी ली. इस बीच अरविंद केजरीवाल सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस ले ली. मामले में धन संशोधन का संदेह होने पर सीबीआई ने इसे प्रवर्तन निदेशालय के पास भेजा था. इसके बाद ईडी केस दर्ज कर अब तक कई बार छापेमारी कर चुकी है.





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