Enforcement Directorate (ED): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत चल रही कार्रवाई के दौरान एबीजी (ABG) शिपयार्ड लिमिटेड की 2 हजार 747 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त की है. अगर जब्त की गई संपत्तियों की बात करे तो इसमें में डॉकयार्ड, कृषि भूमि, वाणिज्यिक संपत्तियां और बैंक में जमा धन शामिल हैं.


ईडी ने एबीजी शिपयार्ड और उसके समूह की अन्य कंपनियों और उनके संबंधित कंपनियों के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया है. जांच एजेंसी ने अपने बयान में बताया कि जब्त संपत्तियों में गुजरात में सूरत और दाहेज में स्थित शिपयार्ड, कृषि भूमि और भूखंड शामिल हैं. इसके अलावा गुजरात और महाराष्ट्र में विभिन्न वाणिज्यिक और आवासीय परिसर तथा एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, उसके समूह की कंपनियों और अन्य संबद्ध कंपनियों के बैंक खाते शामिल हैं.


कौन से अधिनियम के तहत जब्त की गई संपत्ति?


ईडी ने एबीजी शिपयार्ड और उसके समूहों पर धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत जब्त संपत्ति को जब्त किया. जिसका कुल मूल्य 2 हजार 747.69 करोड़ रुपये है. प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई केंद्रीय इनवेस्टिगेसन ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कंपनी के संस्थापक ऋषि कमलेश अग्रवाल को गिरफ्तार करने के एक दिन हुई. ईडी ने जांच में पाया गया कि, एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक अग्रवाल ने आईसीआईसीआई बैंक, मुंबई की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ से कर्ज लिया था. यह कर्ज पूंजी आवश्यकताओं और अन्य व्यावसायिक खर्चों को पूरा करने के लिए लिया गया था.


कर्ज सुविधाओं का दुरुपयोग


एजेंसी ने जांच के संबंध में कहा कि, एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड ने कर्ज सुविधाओं का दुरुपयोग किया और धन को भारत तथा विदेश में दूसरे स्थानों पर भेज दिया. ऐसा विभिन्न ऋणों, अग्रिमोंका और निवेश आदि की आड़ में किया गया. यह भी आरोप है कि, इन कथित अवैध लेनदेन से बैंकों के गठजोड़ को 22 हजार 842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.


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