ED Action: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स आर्यरूप टूरिज्म एंड क्लब रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े 52.31 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को जब्त कर महाराष्ट्र सरकार के सक्षम प्राधिकारी को सौंप दिया है.


ईडी ने ये कार्रवाई महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स (MPID) एक्ट के तहत की है. यह कंपनी चिटफंड और निवेश घोटाले में संलिप्त पाई गई थी, जिसमें हजारों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की गई.


क्या है मामला?
मेसर्स आर्यरूप टूरिज्म एंड क्लब रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड पर निवेशकों को लुभावने रिटर्न का लालच देकर करोड़ों रुपये ठगने का आरोप है. कंपनी ने लोगों को झूठे वादे करके उनकी गाढ़ी कमाई अपनी निवेश योजनाओं में लगवाई और बाद में पैसे वापस नहीं किए.


जांच के दौरान ईडी को पता चला कि कंपनी ने निवेशकों से लिए गए रुपयों को विभिन्न संपत्तियों में निवेश कर दिया था, जिनमें महंगी गाड़ियां, जमीन, फ्लैट और अन्य परिसंपत्तियां शामिल हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई की.


ईडी ने की कड़ी कार्रवाई
ईडी ने इस मामले में कई बैंक खातों और संपत्तियों की पहचान कर उन्हें जब्त कर लिया. कुल 52.31 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां महाराष्ट्र सरकार के सक्षम प्राधिकारी को सौंप दी गई हैं. इसके पहले भी ईडी ने कंपनी के प्रमुख निदेशकों और अधिकारियों से पूछताछ की थी और उनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाए थे.


हजारों निवेशकों को राहत मिलने की उम्मीद
इस घोटाले में फंसे हजारों निवेशकों को अब अपने पैसे वापस मिलने की उम्मीद जगी है. महाराष्ट्र सरकार के सक्षम प्राधिकारी अब इन संपत्तियों को बेचकर निवेशकों को उनके पैसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं.


ईडी की कार्रवाई से बढ़ी सख्ती
हाल के वर्षों में ईडी ने कई बड़े घोटालों में जांच तेज की है और ठगी करने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. इससे चिटफंड और फर्जी निवेश योजनाओं में लगे धोखेबाजों के खिलाफ कड़ा संदेश गया है.


भविष्य में और भी हो सकती हैं गिरफ्तारियां
सूत्रों के मुताबिक, ईडी इस मामले में आगे और भी संपत्तियों की जांच कर सकती है और कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है.


ये भी पढ़ें:


फर्जी कागजात लगाकर बैंक से लिया करोड़ों का लोन, CBI कोर्ट ने दो आरोपियों को सुनाई 3 साल की सजा