Money Laundering Investigation: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में 75.16 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया है. ये कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत की गई है. ईडी ने ये कार्रवाई मेसर्स थ्री सी प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (थ्री सी प्रमोटर्स) मेसर्स थ्री सी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और अन्य समूह कंपनियों के खिलाफ की है.
इन कंपनियों के नाम पर अंबाला और मोहाली में कृषि भूमि और नोएडा में वाणिज्यिक, संस्थागत भूमि और निर्माणाधीन आवासीय फ्लैट्स की कुल संपत्तियों को जब्त किया गया है. इस कार्रवाई का संबंध मेसर्स हैसिंडा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमोटरों/निदेशकों की ओर से की गई धोखाधड़ी से है.
ED ने इलाहाबाद HC के निर्देश पर जांच शुरू की
प्रवर्तन निदेशालय ने ये जांच इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशों और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. इन एफआईआर में आरोप था कि मेसर्स हैसिंडा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रमोटरों/निदेशकों ने निवेशकों और गृह खरीदारों से रकम लेकर धोखाधड़ी की और उन्हें फ्लैट्स नहीं दिए.
जांच में क्या आया सामने?
जांच में ये पता चला कि नोएडा के सेक्टर 107 में स्थित लोटस 300 परियोजना 2010-11 में शुरू की गई थी, लेकिन परियोजना पूरी नहीं हो पाई. धन की हेराफेरी की वजह से परियोजना में वित्तीय संसाधनों की कमी हो गई जिससे कंपनी दिवालिया हो गई.
ED की छापेमारी में 42 करोड़ नकदी और आभूषण जब्त
ED ने मेसर्स थ्री सी ग्रुप के निदेशकों और प्रमोटरों के अलग-अलग परिसरों में 17 से 20 सितंबर 2024 के बीच छापेमारी की. इस दौरान 42 करोड़ रुपये की नकदी, हीरे और आभूषण, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए. इसके अलावा ये भी सामने आया कि अधिकांश धनराशि असुरक्षित ऋण के रूप में अलग-अलग अन्य समूह कंपनियों को दी गई थी जिसका इस्तेमाल पंजाब और नोएडा में अचल संपत्तियां खरीदने में किया गया.
कुल संपत्तियों की कीमत 98.29 करोड़ रुपये तक पहुंची
ED ने इस मामले में पहले 28 अक्टूबर 2024 को एक अनंतिम जब्त आदेश जारी किया था जिसमें पंजाब के होशियारपुर, फतेहगढ़ साहिब और मोहाली में कृषि भूमि और औद्योगिक भूखंडों को जब्त किया गया था जिनकी कुल कीमत 23.13 करोड़ रुपये थी. अब तक की कुल संपत्तियों का मूल्य 98.29 करोड़ रुपये हो चुका है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ये स्पष्ट किया है कि अगर कोई कमी पाई जाती है तो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मामले की जांच जारी है और ये उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही और संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं.