ED Seizes Dawood Ibrahim Brother's Thane Flat: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर और उसके साथियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने इस मामले में ठाणे स्थित इकबाल कासकर के एक फ्लैट को अपने कब्जे में लेकर सीज कर दिया है. कावेसर के नियोपोलिस टावर में स्थित यह फ्लैट मार्च 2022 से अस्थायी कुर्की के तहत है.
जानकारी के अनुसार, यह मामला ठाणे पुलिस के एंटी एक्सटॉर्शन सेल की ओर से 2017 में दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है. ईडी की जांच में पता चला है कि कासकर और उसके साथियों, जिनमें मुमताज शेख और इसरार सईद शामिल हैं, ने दाऊद इब्राहिम से अपनी निकटता की आड़ में एक रियल एस्टेट डिवेलपर से यह फ्लैट धमकाकर लिया था. इसके साथ ही इन्होंने उससे कुछ कैश भी वसूला था.
75 लाख रुपये का यह फ्लैट शेख के नाम पर था
करीब 75 लाख रुपये की कीमत का यह फ्लैट शेख के नाम पर था. कथित तौर पर इसे बिल्डर सुरेश मेहता और उनकी फर्म दर्शन एंटरप्राइजेज को निशाना बनाकर जबरन वसूली की योजना के तहत हासिल किया गया था. कथित तौर पर आरोपियों ने फर्जी चेक के जरिए फ्लैट और 10 लाख रुपये नकद मांगे, जिन्हें बाद में वापस ले लिया गया.
उगाही को छिपाने के लिए की गई थी फर्जी लेनदेन
ईडी की जांच में पाया गया कि ये वित्तीय लेन-देन जबरन वसूली गई धनराशि के लाभार्थियों को छिपाने के लिए किए गए थे. फरवरी 2022 में, कासकर से ईडी अधिकारियों ने मुंबई और भारत के अन्य हिस्सों में दाऊद गिरोह के संचालन के बारे में पूछताछ की थी. कासकर, शेख और सईद के आवासों पर तलाशी ली गई. इस दौरान ईडी को काफी अहम डॉक्युमेंट्स मिले थे.
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दाखिल की थी याचिका
ठाणे पुलिस की अंतिम रिपोर्ट के बाद ईडी ने अप्रैल 2022 में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोप पत्र दायर किया, जिसमें महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम और फिर जबरन वसूली और साजिश सहित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत उल्लंघन का हवाला दिया गया. 2003 में यूएई से निर्वासित कासकर पर भारत में दाऊद इब्राहिम के संचालन का प्रबंधन करने का संदेह है. माना जाता है कि दाऊद पाकिस्तान के कराची से खुफिया एजेंसियों और आतंकवादी संगठनों से संबंध रखता है.
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