सबसे बड़ा घोटाला: क्या 11 हजार 500 करोड़ रूपए वापस आ पाएंगे?
नीरव मोदी और उसके सहयोगी पैसा वापस नहीं करते है तो ये पैसा डूब जायेगा. यानी अगर नीरव मोदी और उसके साथियों से पैसे की वसूली नहीं हुई तो जनता की गाढ़ी कमाई के साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रूपए डूबने तय हैं.
नई दिल्ली: देश में 11,500 करोड़ का बैंकिंग घोटाला हो गया. घोटाला इतना बड़ा है कि देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक के ज़रिए देश के टैक्सपेयर्स के हज़ारों करोड़ रूपए डूबने की कगार पर हैं, ऐसे में इस महाघोटाले पर कई सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि क्या 11 हजार 500 करोड़ रूपए वापस आ पाएंगे?
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सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले जांच एजेंसियो और बैंक के अधिकारियों के बीच बैठक हुई. बैठक के दौरान बैंक के आला अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा कि यदि नीरव मोदी और उसके सहयोगी पैसा वापस नहीं करते है तो ये पैसा डूब जायेगा. यानी अगर नीरव मोदी और उसके साथियों से पैसे की वसूली नहीं हुई तो जनता की गाढ़ी कमाई के साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रूपए डूबने तय हैं.
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क्या नीरव मोदी से 11 हजार 500 करोड़ की वसूली हो पाएगी? बैंकिंग सचिव राजीव कुमार से जब एबीपी न्यूज़ ने पूछा कि बैंक को हुए नुकसान की भरपाई कैसे हो पाएगी? बैंकिंग सचिव ने दावा किया कि नीरव मोदी के पास बहुत सम्पत्ति है और इसलिए पैसा निकलवाने में दिक्कत नहीं होगी.
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बैंकिंग सचिव राजीव कुमार ने ये जवाब संसदीय स्थायी समिति की बैठक में भी दिया. सवाल बैठक में मौजूद सांसदों ने पूछा था. एक तरफ बैंकिंग सचिव जवाब दे रहे थे तो दूसरी तरफ ईडी ने कार्रवाई शुरू कर दी. नीरव मोदी के ठिकानों पर पड़े छापों में प्रवर्तन निदेशालय ने 5100 करोड़ की कीमत की डायमंड ज्वैलरी और सोना जब्त कर लिया है.
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क्या विदेश भाग चुके आरोपियों को वापस लाया जा सकेगा? घोटाले में शामिल दोनों बैंक अधिकारियों को छोड़ दें तो बाकी के सभी आरोपी विदेश भाग चुके हैं. इस मामले का सबसे कमजोर पहलू यह है कि अन्य बड़े घोटाले के आरोपियों की तरह इस घोटाले के आरोपी भी बडे उधोगपति है. यदि वो विदेश से नहीं लौटना चाहेंगे तो विजय माल्या और ललित मोदी की तर्ज पर भारत सरकार को विदेश मे लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है.