Aishwarya Rai News: पनामा पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन को समन भेजा है. फिल्म अभिनेत्री ऐश्वर्या राय FEMA के तहत दिए गए नोटिस पर आज ईडी के सामने पेश होंगी. इसके लिए उन्होंने ईडी मुख्यालय को पत्र लिखा है.


ईडी ने फेमा के तहत ऐश्वर्या राय को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए दिल्ली मुख्यालय बुलाया था. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ईडी ने इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2022 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया है. इससे पहले भी दो मौकों पर ऐश्वर्या राय ईडी के सामने पेश होने पर असमर्थता जता चुकी हैं.


पनामा पेपर्स में फ्रॉड और टैक्स चोरी करने वाले दुनिया के कई नामी लोगों के बारे में जानकारी है. इस लीक दस्तावेज को पहले सबसे जर्मनी के एक अखबार Suddeutsche Zeitung ने हासिल किया था. करीब 12000 ऐसे दस्तावेज हैं, जो भारतीयों से जुड़े हैं. इससे पहले साल 2016 में भी Mossack Fonseca के दस्तावेज लीक हुए थे, जिसमें 500 से ज्यादा भारतीयों के नाम थे. 


रिपोर्ट के मुताबिक मल्टी एजेंसी ग्रुप की रडार पर करीब 426 भारतीय हैं. इस ग्रुप को केंद्र सरकार ने बनाया है. साल 2016 की लीक के बाद से करीब 1000 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी का इस मल्टी एजेंसी ग्रुप ने पता लगाया है.  


इससे पहले सरकार ने पिछले मंगलवार को कहा था कि पिछले पांच साल के दौरान विदेशी खातों में काले धन की राशि के संबंध में कोई औपचारिक आकलन नहीं है. हालांकि 2015 के दौरान अघोषित आय के खुलासे के संदर्भ में तीन महीने के लिये दी गई छूट अवधि के दौरान कर और जुर्माने के रूप में 2,476 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं.


वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि 30 सितंबर, 2015 को खत्म हुई तीन महीने की अनुपालन व्यवस्था के तहत 4,164 करोड़ रुपये की अघोषित विदेशी संपत्ति से जुड़े 648 खुलासे किए गए. कानून के तहत सरकार ने अघोषित आय के बारे में इकाइयों को पाक साफ होने का मौका देने के लिए एक जुलाई, 2015 से तीन महीने की मोहलत दी थी.


उन्होंने कहा था कि ऐसे मामलों में टैक्स और जुर्माने के रूप में लगभग 2,476 करोड़ रुपये हासिल किए गए थे. बीजेपी के सुखराम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के विश्वंभर प्रसाद निषाद ने सवाल किया था कि वर्ष 2014 से 30 नवंबर, 2021 तक विदेशों से भारत वापस लाए गए काले धन का वर्ष-वार और देश-वार ब्यौरा क्या है?


मंत्री ने कहा कि एचएसबीसी मामलों में सूचित नहीं किए गए विदेशी बैंक खातों में जमा राशि को लेकर 8,466 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय को कर के दायरे में लाया गया और 1,294 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है.


चौधरी ने कहा कि ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ (आईसीआईजे) के खुलासा किए गए मामलों में की गई निरंतर जांच से अब तक अघोषित विदेशी खातों में 11,010 करोड़ रुपये से अधिक जमा का पता चला है. उन्होंने कहा कि पनामा और पैराडाइज पेपर लीक मामले में भारत से जुड़ी 930 इकाइयों के संबंध में 20,353 करोड़ रुपये की राशि के कुल अघोषित जमा का पता चला है.


चौधरी ने कहा था कि अभी तक पनामा और पैराडाइज पेपर लीक मामले में 153.88 करोड़ रुपये बतौर टैक्स जमा किए गए हैं. इसके अलावा पनामा और पैराडाइज पेपर लीक के 52 मामलों में काला धन कानून, 2015 के तहत आपराधिक अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई हैं. साथ ही 130 मामलों में काला धन कानून के तहत कार्यवाही शुरू की गई है.