Patra Chawl Land Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को दूसरा समन भेजा है. उन्हें पात्रा चॉल (Patra Chawl) भूमि घोटाला मामले में 1 जुलाई को ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. ईडी ने उन्हें 1 जुलाई को सुबह 11 बजे बुलाया है. संजय राउत को मामले से जुड़े हुए महत्वपूर्ण दस्तावेज भी लाने के लिए कहा है.


इससे पहले बीते दिन यानि सोमवार को भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत को इसी, पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में तलब किया था. राउत को मंगलवार को ईडी अधिकारियों के सामने पेश होने को कहा गया था. 


समन पर संजय रावत ने क्या कहा था?


इस समन के बाद संजय राउत ने कहा था कि वह पीछे नहीं हटेंगे. मुझे अभी पता चला है कि मुझे ईडी ने तलब किया है. जब हम बड़ी लड़ाई में लगे होते हैं तो हमें रोकने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं. हम बालासाहेब ठाकरे के शिव सैनिक हैं और मैं गुवाहाटी का रास्ता नहीं अपनाऊंगा, भले ही मेरा सिर काट दिया जाए. आओ मुझे गिरफ्तार करो, जय हिंद. ये घटनाक्रम ऐसे वक्त पर हुआ है जब शिवसेना के विधायकों की बगावत की वजह से महाराष्ट्र सरकार के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं. 


ये है पूरा मामला


इस मामले की जांच के सिलसिले में ईडी ने अप्रैल में संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके दो सहयोगियों की 11.15 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थाई तौर पर कुर्क किया था. ईडी ने गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, राकेश कुमार वाधवान, सारंग कुमार वाधवान, गुरु आशीष के पूर्व निदेशक प्रवीण राउत के खिलाफ मार्च 2018 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. कंस्ट्रक्शन, और अन्य एक MHADA अधिकारी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर जांच शुरू हुई थी. 


पात्रा चॉल के किरायेदारों के लिए शुरू की थी पुनर्वास परियोजना


गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने गोरेगांव में पात्रा चॉल के 672 किरायेदारों के पुनर्वास के लिए परियोजना शुरू की थी. ईडी ने दावा किया कि 672 किरायेदारों के पुनर्वास के अलावा, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को कुछ निर्मित हिस्सों को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) को सौंपना था. हालांकि, डेवलपर ने इमारतों और म्हाडा भागों के निर्माण के बिना ही पुनर्वास परियोजना के फ्लोर स्पेस इंडेक्स को नौ बिल्डरों को बेच दिया और उनसे 901.79 करोड़ रुपये एकत्र किए. डेवलपर ने साइट पर प्रोजेक्ट लॉन्च करते समय संभावित फ्लैट खरीदारों से कई करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी एकत्र की. ये कथित भूमि घोटाला 1,034 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है. 


ईडी की जांच में क्या पता चला?


एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि लगभग 100 करोड़ रुपये रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल से प्रवीण राउत के खातों में ट्रांसफर किए गए थे, जिन्होंने इन फंडों का एक हिस्सा अपने करीबी सहयोगियों, परिवार के सदस्यों और व्यावसायिक संस्थाओं के विभिन्न खातों में भेज दिया था. ईडी ने कहा, "2010 में, इस आय का एक हिस्सा 83 लाख रुपये वर्षा राउत को प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष रूप से प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी से प्राप्त हुए." वर्षा ने इस राशि का उपयोग दादर में फ्लैट खरीदने के लिए किया और ईडी की जांच शुरू होने के बाद माधुरी को 55 लाख रुपये वापस कर दिए.


केंद्रीय एजेंसी की जांच में ये भी पता चला कि उक्त अवधि के दौरान वर्षा राउत और स्वप्ना पाटकर के नाम पर किहिम बीच पर आठ भूखंड खरीदे गए थे. इस जमीन के सौदे में विक्रेताओं को पंजीकृत मूल्य के अलावा नकद भुगतान भी किया गया. ईडी ने कहा कि प्रवीण राउत की इन संपत्तियों और अन्य संपत्तियों की पहचान करने पर, उन्हें कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार अस्थाई रूप से कुर्क किया गया था. 


प्रवीण रावत हैं न्यायिक हिरासत में


ईडी (ED) ने अस्थाई रूप से 11.15 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया है, जिसमें दादर में राउत की पत्नी वर्षा (Varsha Raut) के पास एक फ्लैट और स्वप्ना पाटकर (Swapna Patker) के साथ अलीबाग के पास किहिम में लिए गए आठ भूखंड भी शामिल हैं. स्वप्ना शिवसेना नेता के करीबी सहयोगी सुजीत पाटकर की पत्नी हैं. ईडी ने इस मामले में प्रवीण राउत (Praveen Raut) को फरवरी में गोरेगांव इलाके से गिरफ्तार किया था. वे इस समय न्यायिक हिरासत में है. प्रवीण राउत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक हैं और संजय राउत (Sanjay Raut) के करीबी हैं. 


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